उन्होंने कहा की मार्ग अवरूद्ध होने की वजह से आमजन को कोई परेशानी न हो इसलिए स्थानीय अधिकारी पूरी मुस्तैदी के साथ मार्गों को सुचारू रखें। यदि कही प्रमुख मार्ग पर जलभराव या तेज बहाव की समस्या है तो अन्य न्यूनतम दूरी के वैकल्पिक मार्ग को दुरूस्त रखें ताकि आमजन को चिकित्सा एवं अन्य आवश्यक सेवाओं का लाभ लेने में कोई बाधा या रूकावट नहीं आये। सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता ने फिल्ड में तैनात अधिकारियों के लिए निर्देशिका जारी किए है।
जिसके अनुसार अधिकारी क्षतिग्रस्त सड़क, पुल आदि पर चेतावनी बोर्ड लगाना, मिट्टी से भरे कट्टे लगाकर कटाव रोकना तथा सुरक्षा हेतु रस्सी लगाकर ‘रास्ता बन्द है’ का सूचना बोर्ड लगाना सुनिश्चित करें। अवरूद्ध रास्तों, क्षतिग्रस्त सड़कों को यथासम्भव यातायात योग्य बना कर यातायात चालू करवाएं। असुरक्षित पुलों पर यातायात रोकने की आवश्यकता होने पर स्थानीय प्रशासन का सहयोग लेकर यातायात रूकवाना सुनिश्चित करें। बरसात का पानी कम होने पर सड़कों एवं पुलों का निरीक्षण करें, क्षति का आंकलन कर एसडीआरएफ नार्म्स अनुसार (सर्कुलर दिनांक 20/05/2024) प्रस्ताव बनाकर जिला कलेक्टर के माध्यम से आपदा प्रबंधन विभाग, जयपुर को भिजवाये जायें ताकि रिपेयर/रेक्टीफिकेशन की स्वीकृती जारी हो सके।
अत्यधिक क्षतिग्रस्त राजकीय भवनों को चिन्हित कर आमजन की सुरक्षा हेतु चेतावनी बोर्ड लगाएं। क्षतिग्रस्त भवन जो गिरने के हालात में है, उसके बारे में प्रशासन को सूचित करें, स्वीकृति प्राप्त कर गिराने की कार्यवाही करें। अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त सड़कों पर यातायात शीघ्र चालू करने हेतु आवश्यक संसाधन जैसे जेसीबी, टैक्टर, डम्पर इत्यादि किराये पर लेने की जानकारी तैयार कर रखें एवं इनकी किराये पर लेने की दर जिला प्रशासन से अनुमोदित करवा लें जिससे आपात स्थिति में इनका उपयोग किया जा सके।
सभी अधिकारी, कर्मचारियों की छुट्टी तुरन्त प्रभाव से निरस्त करें। अति आवश्यक होने पर अतिरिक्त मुख्य अभियंता स्तर पर ही अति आवश्यक छुटटी दी जाएं। वाट्सअप गुप्र में जनप्रतिनिधियों के माध्यम से एवं अन्य स्थान जहाँ- जहाँ रास्ता अवरूद्ध है। उसकी सूचना सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से लोगों तक पहुचाएं ताकि आमजन को कठिनाइयों से बचाया जा सके।