मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर से अनुमोदित 100 दिवसीय कार्य योजना अंतर्गत शांति एवं अहिंसा विभाग की ओर से जिला स्तरीय अहिंसा एवं कौमी एकता सम्मेलन का आयोजन आज मंगलवार को रामसिंहपुरा स्थित राजीव गांधी क्षेत्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय में हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ शांति एवं अहिंसा निदेशालय जयपुर से पधारे अधिकारी विजय शरण गुप्ता, जिला अहिंसा प्रकोष्ठ प्रभारी सुरेश चंद मीना एवं मुख्य आयोजना अधिकारी बाबूलाल बैरवा ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र के समक्ष द्वीप प्रज्जवलित कर किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अतिरिक्त जिला कलेक्टर जीतेन्द्र सिंह नरूका ने कहा कि अहिंसा और कौमी एकता वह विषय है जिस पर वर्तमान में सबसे ज्यादा काम करने की आवश्यकता है। हम गांधी जी के विचारों के बारे में स्कूल से लेकर कॉलेज तक पढ़ते आए है, परंतु हमें उनके विचारों को जीवन में आत्मसात करने की आवश्यकता है। जिनके माध्यम से अनेकों समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है, हम सब की बहुत सारी मांगे हो सकती है परंतु मांगने का तरीका महत्वपूर्ण हो जाता है, कई बार आंदोलन अहिंसक हो जाते है, यह गांधी जी का मार्ग नहीं है। हमें प्राप्त करने का तरीका भी पवित्र रखना होगा।
दूसरा विचार पापी से नफरत नहीं करना, पाप से नफरत करना है। हम गलती करने वाले व्यक्ति में कमियां ढूंढते हैं, जबकि हमें परिस्थितियों पर ध्यान देना चाहिए। कार्यक्रम में प्रोफेसर डॉ. राजेश कुमार मीना, डॉ. प्रेम सोनवाल, धर्मेन्द्र मीना, डॉ. विजय सिंह मावई, डॉ. रमेश चन्द वर्मा, रामजीलाल जाट, कृष्णावतार शर्मा, रविन्द्र प्रजापति सहित अन्य वक्ताओं ने अहिंसा पर विभिन्न धर्मों के विचार, व्यख्याता कौमी एकता वर्तमान समय में प्रासंगिकता, केन्द्र एवं राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना, राष्ट्रीय एकता में युवाओं की भूमिका और दायित्व, विविधता में एकता का प्रतिमान भारत का संविधान इत्यादि विषयों पर व्याख्यान दिए। कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु शर्मा, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम बैरवा, पूर्व जिला अध्यक्ष भरतलाल मथुरिया, सहायक लेखाधिकारी गोविन्द गोयल, प्रवर्तन अधिकारी रिपुदमन सिंह, सहायक प्रशासनिक अधिकारी भरतलाल मीना, स्काउट गाइड, सामाजिक कार्यकर्ता, सीएलजी सदस्य, एनजीओ सदस्य, महिला सहायता समिति सदस्य, एनएसएस, एनसीसी सदस्य उपस्थित रहे।