अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (एबीआरएसएम) राजस्थान की प्रदेश भर की इकाइयों द्वारा शनिवार को स्थानीय प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को जन घोषणा पत्र की पालना करने तथा राज्य की उच्च शिक्षा में नौकरशाही के अनावश्यक और अवैधानिक हस्तक्षेप को रोकने के लिये कॉलेज शिक्षा विभाग (राजस्थान) में संयुक्त निदेशक के पद पर की गई राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की नियुक्ति आदेश को प्रत्याहारित करने का ज्ञापन दिया।
संगठन के महामंत्री डॉ. सुशील कुमार बिस्सू ने बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा 11 फरवरी को कॉलेज शिक्षा विभाग में संयुक्त निदेशक के पद पर राजस्थान प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति से राज्यभर के उच्च शिक्षा का शिक्षक समुदाय निरन्तर आन्दोलित है। इस क्रम में 14 फरवरी को राज्य भर के महाविद्यालय शिक्षकों ने अपने संस्थानों में काली पट्टी बांधकर सांकेतिक प्रदर्शन किया था। विरोध प्रदर्शन की इसी कड़ी में आज राज्य भर में स्थानीय प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिये गए हैं। उल्लेखनीय है कि कॉलेज शिक्षा विभाग राजस्थान में संयुक्त निदेशक का पद महाविद्यालय के प्राचार्य के समकक्ष है।
विभाग की स्थापना के समय से ही संयुक्त निदेशक के पद पर महाविद्यालय सेवा के वरिष्ठ प्राचार्य को ही लगाया जाता रहा है। ऐसा पहली बार हुआ है जब इस पद पर राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को लगाया गया है। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. दीपक शर्मा ने कहा कि सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र मे प्रदेश के महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों की अकादमिक स्वतन्त्रता और स्वायत्तता को सुनिश्चित किये जाने की घोषणा की थी, यह नियुक्ति उसके पूर्णतः विपरीत है।
उच्च शिक्षा के लिए घातक इस कार्यवाही को शैक्षिक महासंघ मूक दर्शक बन कर स्वीकार नहीं करेगा। सरकार द्वारा अपने उक्त आदेश को प्रत्याहरित करने तक विभिन्न तरीकों से महासंघ आगे भी अपना विरोध प्रदर्शन और आन्दोलन जारी रखेगा। इस क्रम में शहीद कैप्टन रिपुदमन सिंह राजकीय महाविद्यालय सवाई माधोपुर इकाई के मीठा लाल मीणा, राकेश मीणा, विनायक लोदवाल, दुलारी राम मीणा, धनकेश मीणा व दिनेश शर्मा इत्यादि पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने उपखंड अधिकारी सवाई माधोपुर को ज्ञापन दिया।