जैन युवा एकता संघ ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, पर्यावरण मंत्री सहित झारखंड व राजस्थान मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से हस्तक्षेप की मांग, राहुल गांधी से मांगा मुलाकात का समय
देश का सबसे छोटा अल्पसंख्यक समाज इन दिनों सम्मेद शिखर जैन तीर्थ को लेकर आक्रोशित है, केंद्र सरकार ने जैन धर्म की आस्था के सबसे प्रमुख केंद्र श्री सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित कर जैन समाज की भावनाओं और आस्थाओं को ठेस पहुंचाई है। यह कहना है जैन समाज के युवा संगठन अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ का। जैन युवा एकता संघ की मांग है की केंद्र सरकार “20 तीर्थंकर भगवानों और अनंत संतों की निर्वाण स्थली” पारसनाथ पर्वतराज, गिरीडीह (झारखंड) की स्वतंत्र पहचान, पवित्रता और संरक्षण करते हुए वन्य जीव अभ्यारण्य, पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत जोनल मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर प्लान, पर्यटन व धार्मिक पर्यटन सूची से बाहर करें।
अपनी इस मांग को लेकर अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ ने शुक्रवार को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री सहित झारखंड व राजस्थान के मुख्यमंत्री को ईमेल के माध्यम से ज्ञापन भेजा है। अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया की श्री सम्मेद शिखर जैन समाज की आस्था मुख्य केंद्र है, केंद्र सरकार ने इस केंद्र को पर्यटन सूची में डालकर ना केवल जैन समाज की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है बल्कि जैन समाज का अपमान भी किया है। केवल जयपुर ही नहीं बल्कि देशभर का समग्र जैन समाज यह अपमान बिल्कुल भी बर्दास्त नहीं करेगा।
शुक्रवार को श्री सम्मेद शिखर की सुरक्षा और संरक्षण की मांग को लेकर 5 सूत्रीय मांग पत्र देश की राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को ज्ञापन भेजा गया है। साथ ही झारखंड व राजस्थान के मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन भेजकर इस मसले में हस्तक्षेप करने की मांग की गई है। साथ ही कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात का समय मांगा गया है।
18 को सभा में शामिल होगा जैन युवा एकता संघ
प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद बाकलीवाल ने बताया की श्री सम्मेद शिखर जी को लेकर समग्र जैन समाज जयपुर की सभा रविवार 18 दिसंबर को भट्टारक जी की नसियां, नारायण सिंह सर्किल पर दोपहर 1 बजे से भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के आह्वान पर राजस्थान जैन सभा द्वारा रखी गई है जिसमें समग्र जैन समाज के साथ-साथ अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ के पदाधिकारी और सदस्यगण में सम्मिलित होंगे और अपने सुझाव देने के साथ ही समाज के निर्णय पर आंदोलन की रूपरेखा तय करेगे।