रणथम्भौर बाघ परियोजना क्षेत्र के फलौदी रेंज टाईगर रिजर्व में भैरूपुरा के पास 30 जनवरी को कैमरा ट्रेप के अनुसार तीन लोग चीतल का शिकार करके ले जा रहे थे। उनके प्राप्त फोटो के आधार पर 30 जनवरी को एफआईआर. नं. 07/07 के तहत प्रकरण दर्ज कर प्रारम्भिक अनुसंधान किया तो उसमें पुलिस थाना खण्डार क्षेत्र के जैतपुर के 5 लोगों को नामजद किया गया।
यह जानकारी गुरूवार को मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक बाघ परियोजना रणथम्भौर टाईगर रिजर्व मनोज पाराशर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र यादव तथा उप वन संरक्षक एवं उप क्षेत्र निदेशक प्रथम मुकेश सैनी, सहायक वन संरक्षक संजीव शर्मा ने एक संयुक्त प्रेसवार्ता में देते हुऐ बताया कि पुलिस व बाघ परियोजना की टीम ने संयुक्त रूप से 11 फरवरी को प्रातः जैतपुर में आरोपियों को पकड़ने के लिए दबिश दी, लेकिन आरोपी नहीं मिले।
अति. पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र यादव व क्षेत्र निदेशक मनोज पाराशर ने बताया कि इस बीच क्षेत्र के प्रभावशाली जनप्रतिनिधियों, गांव के लोगों से आश्वासन मिला कि आरोपियों को सरेन्डर करवा देंगे। लेकिन जब आरोपी 12 तक सरेन्डर नहीं हुऐ और मुखबीर से सूचना मिली की आरोपी गांव में ही हैं, तो 13 फरवरी को करीब साढ़े 5 बजे पुलिस व बाघ परियोजना के अधिकारी कर्मचारी करीब सवा सौ लोग जेतपुर पहुंचे तथा आरोपियों के घरों पर जैसे ही दबिश दी गांव के करीब तीन चार सौ लोगों ने अचानक पुलिस व वन कर्मियों पर पत्थर बाजी शुरू कर दी।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि भीड़ द्वारा एक साथ की गयी पत्थरबाजी के कारण पुलिस ने आत्मरक्षा के हिसाब से हवाई फायर कर लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन लोग आक्रोषित दिखाई दिये तो पूरी टीम को वहां से अपनी जान बचाकर लौटना पड़ा।
दोनों अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में पुलिसकर्मी तथा सहायक वन संरक्षक अरविन्द झा व वनकर्मी मुकेश गूर्जर को चोटें आई जिन्हे उपचार के लिए सामान्य चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।
पाराशर व यादव के अनुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व खण्डार थानाधिकारी तथा वन विभाग की करीब 9 वाहनों को भी भारी नुकसान हुआ है।
अति. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि खण्डार थाने में इस घटना का मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसमें 28 लोग नामजद हैं, तथा तीन चार सौ लोग अन्य इस घटना में शामिल हैं। जिनके विरूद्ध सरकारी कर्मचारियों से मारपीट, राजकार्य में बाघा तथा सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया है।
विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि इस घटना के बाद खण्डार क्षेत्र के कुछ जनप्रतिनिधि जैतपुर के लोगों के साथ पुलिस अधीक्षक से मिले और पुलिस व वनकर्मियों पर जबरन घरों में घुसकर बच्चे, महिलाओं के साथ मारपीट करने जैसे संगीन आरोप लगाये। उन्होने दोषी पुलिस व वन कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।
इन आरोपों के बारे में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व क्षेत्र निदेशक मनोज पाराशर से पूछा तो उन्होने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुऐ कहा कि वे लोग अगली कार्यवाही से बचने के लिए इस तरह के झूठे आरोप लगा रहे हैं।