संत मावजी महाराज की तपोस्थली, सोम-माही और जाखम का त्रिवेणी संगम, जहां पर हर साल हजारों आदिवासी अपने पूवर्ज को तर्पण देने आते हैं। आदिवासी समाज का हरिद्वार कहा जाने वाले बेणेश्वर धाम पर 14 फरवरी को पहली बार भारत देश के राष्ट्रपति का कार्यक्रम होने जा रहा है। आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करते हुए राष्ट्रपति का पद ग्रहण करने के बाद पहली बार वो यहां पर आ रही हैं। देश की आजादी के बाद कोई भी राष्ट्रपति बेणेश्वर धाम पर नहीं आया है। यहां पर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करीब 10 हजार से अधिक महिलाओं को संबोधित करेंगी।
राजीविका का लखपति दीदी सम्मेलन में शिरकत रही है, जहां पर डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, सलुम्बर और उदयपुर जिले की चयनित महिलाओं को बुलाया जा रहा है। बेणेश्वर धाम का अपना सांस्कृतिक, आध्यात्मिक महत्व है। यहां पर हर साल माघ महीने की एकादशी को राष्ट्रीय स्तर का मेला भरता है।