जयपुर:- राजस्थान ललित कला अकादमी, जयपुर की प्रशासक डॉ. आरुषि मलिक ने बताया कि अकादमी समय-समय पर राज्य के विभिन्न अंचलों में लुप्त होती कलाओं को पुनः स्थापित करने तथा जन – जन तक कला की विभिन्न विधाओं से अवगत कराने के उद्देश्य से प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन करेगी।
बूंदी शैली, फड पेंटिंग, टेराकोटा मृण कला प्राय लुप्त हो रही है एवं उक्त शैलियों में कार्य करने वाले कलाकारों की संख्या बहुत कम रह गयी है, जिन्हें पुनः स्थापित करने के लिये बूंदी शैली के लिये समसामयिक कला दीर्घा कोटां में, फड पेंटिंग के लिये भीलवाडा में, टेराकोटा मृण कला के लिये उदयपुर में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, बागोर की हवेली, उदयपुर में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये जाएंगे।
इसी क्रम में अजमेर में जल रंग, बीकानेर में उस्ता कला/मथेरन कला राजकीय संग्रहालयों के सहयोग से प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये जाएंगे। डॉ. आरुषि मलिक ने बताया कि इस क्रम में अकादमी संकुल जयपुर में कैलीग्राफी, म्यूरल एवं पेपर मेकिंग कार्यशालाओं भी आयोजन किया जायेगा। ये ग्रीष्मकालीन शिविर माह जून से आयोजित किये जाएंगे।
ग्रामीण महिला विद्यापीठ, उच्च माध्यमिक विद्यालय मैनपुरा, सवाई माधोपुर
माध्यम अंग्रेजी एवं हिन्दी
कक्षा – L.K.G. से 12वीं तक
संकाय – विज्ञान, कला (उर्दू साहित्य)
शीघ्र आवश्यकता
पूर्व प्राथमिक से उच्च माध्यमिक स्तर हेतु सभी विषयों हेतु
अनुभवी एवं प्रशिक्षित शिक्षक/व्याख्याता एवं शारीरिक शिक्षक,
कंप्युटर शिक्षक, कंप्युटर ऑपरेटर, लिपिक, ड्राइवर, सहायक कर्मी की।
महिलाओं को प्राथमिकता
सम्पर्क: प्रातः 8 बजे से 12 बजे तक
मो. 9 46146 2222, 98876 41704