नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम आज शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। गौतम ने कांग्रेस में शामिल होते ही सीएम अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। दिल्ली में कांग्रेस हेडक्वार्टर में सदस्यता लेने के बाद राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि संविधान की रक्षा और सामाजिक न्याय के लिए उन्होंने ये कदम उठाया है। दिल्ली सरकार में मंत्री रहे राजेन्द्र पाल गौतम ने सामाजिक न्याय पर अरविंद केजरीवाल को घेरा और उन पर तंज भी किया है। हालांकि दो बार विधायक बनने और मंत्री बनने का मौका देने के लिए आम आदमी पार्टी धन्यवाद भी दिया है।
उन्होंने कहा कि नैतिकता के आधार पर उन्होंने विधायकी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल एक गाना गाते थे- इंसान से इंसान का हो भाईचारा, यही पैगाम हमारा- लेकिन वो इसकी आगे की लाइन नहीं गाते थे, कि नए जगत में हुआ पुराना ऊंच नीच का किस्सा, सबको मिले मेहनत के मुताबिक अपना हिस्सा। जब उनसे एक पत्रकार ने पूछा कि क्या अरविंद केजरीवाल सामाजिक न्याय को लेकर गंभीर नहीं हैं, तो उनका जवाब था कि अगर वो गंभीर होते तो उन्होंने जो करीब 450 सीएम फेलो, डार्क फेलो और सलाहकारों की भर्ती की उसमें आरक्षण लागू करते।
मैंने चिट्ठी लिखी थी, लेकिन उन्होंने कहा कि ये कोई नौकरी नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि एसएसी एसटी कल्याण के लिए जो योजनाएं बनाई गई, वो बंद हो गई हैं। इस पर कोई भी गंभीर नहीं है। राजेंद्र पाल गौतम कहा कि राहुल गांधी ने नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने का जो नारा दिया था, इसने दिल को छू लिया है। सामाजिक न्याय को आगे बढ़ाते हुए सभी वर्गों को उनकी संख्या के हिसाब से हिस्सेदारी देने का उनके नजरिए ने मुझे प्रेरित किया है। हालांकि एक तरफ हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस के गठबंधन पर वार्ता चल रही है।
ऐसे में राजेंद्र पाल गौतम के शामिल होने की खबर संभावित गठबंधन में असहजता का सबब भी बन सकती है। हालांकि कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है। साल 2022 में दिल्ली के अम्बेडकर भवन में राजेंद्र पाल गौतम ने बौद्ध दीक्षा कार्यक्रम में हिंदू देवी देवतओं की पूजा छोड़कर बौद्ध धर्म स्वीकार करने की बात कही थी। उस दौरान दर्जनों लोगों ने हिंदू धर्म छोड़ने की शपथ ली थी। इस पर विवाद हुआ था और बीजेपी ने उनको मंत्री पद से बर्खास्त किए जाने की मांग की थी। हालांकि बाद में गौतम ने खुद इस्तीफ देकर पार्टी के संगठन कार्य में लगने की बात कही थी।