सवाई माधोपुर: मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव एवं क्षेत्र निदेशक रणथंभौर बाघ परियोजना अनूप के आर ने बताया कि रणथंभौर टाइगर रिजर्व के रेंज खण्डार के अधिनस्थ नाका मईकला वन क्षेत्र बीट फरीयाँ, गऊ घाटी में एक तीन वर्षीय नर बाघ टी-2312 मृ*त पाया गया था। उन्होंने बताया कि जंगल के किनारे से लगभग 3 किमी अंदर गौघाटी में सर्वप्रथम श*व को बीट गार्ड ने देखा और रेंज अधिकारी और उप निदेशक को इस बारे में सूचना दी गई।
उन्होंने बताया कि श*व की प्रारंभिक जांच में धारी पैटर्न से बाघ की पहचान मादा टी-63 के शावक 3 साल के नर आरबीटी 2312 के रूप में हुई है। रविवार कों श*व 24 से 36 घंटे पुराना प्रतीत हो रहा था। पूरे शरीर पर चोट के निशान थे, जो किसी दूसरे बाघ से लड़ाई का संकेत दे रहे थे। उन्होंने बताया कि श*व का पोस्टमार्टम कराने के लिए वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी रणथंभौर राष्ट्रीय पार्क डॉ. चन्द्र प्रकाश मीना, पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष जैन, पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. पुनीत सिंहल को वेटरनरी बोर्ड में शामिल कर एक स्वतंत्र टीम का गठन किया गया।
टीम द्वारा नमूने एकत्र कर विस्तृत विश्लेषण के लिए सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में भेजे जाएंगे। राजबाग शहर सवाई माधोपुर में वाइल्डलाइफ मोर्चरी में सीसीएफ अनुप के आर, जिला कलक्टर डॉ. खुशाल यादव, डीएफओ डॉ.रामानंद भाकर की उपस्थिति में पोस्टमार्टम किया गया। वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. चन्द्र प्रकाश मीना ने बताया की बाघ के शरीर पर केनाइन मार्क और ऐन्टीमोरटम हिमोरेज के निशान पाए गए हैं। जिससे प्रतित होता है कि बाघ की मौ*त टेरिटोरियल फाइ*टिंग के दौरान ह्रदय फटने से हुई है ।