मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के क्रियान्वयन में सवाई माधोपुर जिले ने राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इसके साथ ही सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की विभिन्न योजनाओं के धरातल पर सफल क्रियान्वयन में जिले को चौथी रैंकिंग मिली है। इस बिन्दु पर जिला गत माह प्रदेश में 25 वें पायदान पर खड़ा था। इन दोनों उल्लेखनीय उपलब्धियों द्वारा जिले का नाम रोशन करने के लिये जिले के विभिन्न जनप्रतिनिधियों सामाजिक संगठनों, मीडियाकर्मियों, व्यापार संगठनों और आमजन ने जिला कलेक्टर राजेंद्र किशन की प्रशंषा की है। राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना की जारी रैंकिंग में गत 8 जुलाई तक की उपलब्धि को आधार बनाया गया है। जिले में ऐसे 2 बच्चे चिन्हित किये गये थे जिनके माता और पिता दोनों ही कोरोना से काल-कलवित हो गये। इन दोनों बच्चों को तत्काल सहायता के रूप में 1-1 लाख रूपये दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त इन बच्चों को वार्षिक एकमुश्त सहायता के रूप में ढाई-ढाई हजार रूपये की सहायता भी जारी की गई है। जिले की 27 महिलाओं ने कोरोना महामारी में अपने पति खो दिये। इन चिन्हित 27 में से 26 महिलाओं को 1-1 लाख रूपये की तत्काल सहायता तथा 15 सौ-15 सौ रूपये की मासिक सहायता की पहली किश्त जारी कर दी गई है। इन विधवा महिलाओं के 28 अवयस्क बच्चे चिन्हित किये गये, इनमें से 26 को 3-3 हजार रूपये की सहायता राशि दी गई है। जिला कलेक्टर राजेंद्र किशन जिले में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के साथ-साथ जरूरतमंदों की मदद करने में भी अपने दायित्व पूरी तत्परता से निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना की गुरुवार को जारी की गई प्रगति की जिले वार रैंकिग में राजस्थान के 33 जिलों में से सवाई माधोपुर नम्बर एक रैकिंग पर रहा है। इस स्कीम की महत्ता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रतिदिन इस योजना की मॉनिटरिंग कर रहे हैं, उनके निर्देश हैं कि सीएम कोरोना सहायता योजना के किसी भी बिन्दु का लाभ लेने के लिये किसी भी पात्र को किसी भी सरकारी कार्यालय आने की जरूरत नहीं पड़े। कलेक्टर के निर्देशन में सम्बंधित अधिकारी पात्र के घर पहुंच कर कागजी कार्रवाई स्वयं पूरी करवाते हैं, कोरोना से अनाथ हुये बच्चों के अभिभावक के रूप में कलेक्टर सक्रिय भूमिका निभा रहे है। जिला कलेक्टर राजेंद्र किशन कोरोना महामारी के दौरान जहां कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए पूरी मेहनत से अपनी टीम के साथ जुटे रहे एवही जहाँ अपने भी अपनों का साथ छोड़ रहे थे, वहां भी लोगों मे कोरोना से लड़ी जा रही जंग को जीतने के लिए हौसला बढ़ाया। साथ ही कोरोना से अनाथ हुए व माता पिता को खो चुके बच्चों तथा विधवाओं की सहायता में अभिभावक की भूमिका में आते हुए कोरोना सहायता योजना की राशि भी समय पर उपलब्ध करवाई। कोरोना को नियंत्रण करने में कलेक्टर राजेंद्र किशन ने जिले की जनता से समझाइश में कोई कसर नही छोड़ी, वहीं कोरोना जैसी महामारी के दौरान जरूरतमंदों की मदद में भी पूरी सक्रियता से अपनी भूमिका निभाकर सही मायने में लोकसेवक होने का परिचय दिया है। कोरोना महामारी के दौरान जनता को संक्रमण से बचाने के लिए कलेक्टर राजेंद्र किशन दिन-रात मुस्तैदी से जुटे रहे। उनकी कर्मठता का ही यह सुखद परिणाम है कि अन्य जगहों की तुलना में सवाई माधोपुर की स्वास्थ्य सेवाएं काफी बेहतर स्थिति में रही। अब कोरोना सहायता योजना में जिले ने 98 प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त की है, इस पर कलेक्टर राजेंद्र किशन की मेहनत को पूरे प्रदेश में प्रथम रैंक मिली है। खास बात ये है कि दूसरी रैंक पर रहने वाले झालावाड़ की उपलब्धि 67 प्रतिशत है जो सवाई माधोपुर से काफी पीछे है। योजना को धरातल पर लागू करने में सवाई माधोपुर जिले का पूरे प्रदेश में डंका बजा है, बड़े अंतर के साथ पहला स्थान सवाई माधोपुर को मिलने से जिलेवासियों में भी गर्व का भाव है।
कोरोना काल में दी पूर्ण सामाजिक सुरक्षा:- कोरोना महामारी के दौरान राज्य सरकार का मुख्य फोकस संक्रमण रोकथाम के साथ ही आमजन विशेषकर समाज के कमजोर तबके को सामाजिक सुरक्षा देने का रहा है। गत माह सवाई माधोपुर जिला इन बिन्दुओं पर राज्य में 25वें पायदान पर था जो अब चौथे स्थान पर आ गया है। गत 1 जुलाई को जारी आंकडों के हिसाब से जहॉं 1 जून को वृद्धावस्था, दिव्यांग और विधवा पेंशनर्स के वार्षिक फिजिकल वेरिफिकेशन के 1 लाख 34 हजार 111 प्रकरण लम्बित थे, वहीं 30 जून को एक भी प्रकरण लम्बित नहीं रहा यानि सभी का फिजिकल वेरिफिकेशन कर दिया गया। आर्थिक रूप से कमजोर 6294 परिवारों को 1-1 हजार रूपये की एक्स ग्राशिया राशि जून माह के दौरान वितरित की गई। यह संख्या लक्ष्य का दोगुना रही, इस बिन्दु पर जिले को 5 प्वाइंट का एक्स्ट्रा वेटेज मिला यानि कुल 10 अंक मिले। पालनहार योजना में इतनी तेजी और समन्वय से कार्य किया गया कि 30 जून को जिले में इस योजना की मात्र 15 फाइलें पेंडिंग रही, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में पेंडिंग 183 में से 180 फाइलें निस्तारित कर दी गई। विभिन्न वर्गों के बच्चों के लिये संचालित छात्रवृति योजनाओं के क्रियान्वयन में भी जिला कलेक्टर के नेतृत्व में जिले ने महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इस पर जिले को ए-प्लस ग्रेड व चौथी रैंकिंग मिली है।
जिला कलेक्टर राजेंद्र किशन ने सहयोग के लिये जिले के अधिकारियों की पूरी टीम का आभार जताया है तथा कहा कि सरकारी योजनाओं का समय पर क्रियान्वयन कर आमजन को लाभान्वित करने की राज्य सरकार की मंशा को हम सब टीम भावना से कार्य कर साकार करते रहेंगे।