राजीव गाँधी क्षेत्रीय प्राकृतिक विज्ञानं संग्रहालय सवाई माधोपुर द्वारा भारत में चीतों को पुनः बसाने के महत्वपूर्ण विषय पर विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। चीता घास के पारिस्थितिकी तंत्र में शीर्ष शिकारी माना जाता है। परिणामस्वरूप यह घास के पारिस्थितिकी तंत्र में जैविक नियंत्रण करता है, जिससे खाद्य श्रृंखला एवं खाद्य जाल व्यवस्थित रहता है। भारत में चीते की प्रजाति लगभग 70 वर्ष पूर्व विलुप्त हो चुकी है तथा अफ्रीका के नामीबिया से भारत में चीता को पुनः बसाने की तैयारी पूर्ण कर ली गई हैं।
17 सितम्बर 2022 को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय पार्क से इनका शुभारम्भ किया जा रहा है। मोहम्मद यूनुस वैज्ञानिक ‘डी एवं एच ओ’ ने जानकारी देते हुए बताया की पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के दिशा निर्देश अनुसार राजीव गाँधी क्षेत्रीय प्राकृतिक विज्ञानं संग्रहालय सवाई माधोपुर (राष्ट्रीय प्राकृतिक विज्ञानं संग्रहालय, नई दिल्ली) द्वारा विभिन्न स्कूलों के छात्र एवं छात्राओं को चीता के प्रति वयापक स्तर पर लेक्चर, प्रेजेंटेशन एवं फिल्म दिखाकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। छात्र एवं छात्राओं में चीता के प्रति जानने हेतु अधिक रूचि दिखाई जा रही है।