सवाई माधोपुर के बाजार में लोगों में यात्रा के प्रति दिखा जबरदस्त उत्साह
सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान द्वारा फिर से शुरू की गई द्वितीय जवाबदेही यात्रा गत शुक्रवार को सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय पर पहुंची। यहां पर यात्रा की ओर से सवाई माधोपुर के बाजारों में रैली निकाली और लोगों की शिकायतें लिखीं। यात्रा की शुरुआत रैली के रूप में हुई और फिर जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर पहुंचकर लोगों की शिकायतें लिखीं। सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने कहा कि आज हम हमारे छोटे-छोटे काम के लिए इधर – उधर घूमते रहते हैं और कई वर्ष होने पर भी काम नहीं होता है। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि जवाबदेही कानून बनाया जाता है तो जनता के काम समय पर होंगे और सरकारी कार्मिक जवाबदेह बनेंगे।
सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान राजस्थान एवं जागरूक नागरिक मंच नोखा से जुड़े रावतराम ने कहा कि जब महात्मा गांधी नरेगा में मजदूर काम करने जाते हैं तो उनके काम की नपती की जाती है और उसके बाद ही जो जितना काम करते हैं उन्हें उतना पैसा मिलता हैं लेकिन सरकार के अंदर कोई काम पूरा करें, कम करें या बिल्कुल नहीं करें तो तनख्वाह बराबर मिलती रहती है। ऊपर से रिश्वत और मांगते हैं। जब मजदूरों के काम की नपती होती है तो कर्मचारियों की क्यों नही होती? जवाबदेही आन्दोलन की ओर से अंबेडकर सर्कल से रैली की शुरुआत की जो सब्जी मंडी से मुख्य बाजार होते हुए मजदूर चौकटी, टोंक बस स्टैंड होते हुए जिला कलेक्टर कार्यलाय पहुंची।
जिसमें लोगों ने रैली में जवाबदेही कानून पास करो, सवाल है- सवाल है, जवाब दो- जवाब दो के नारे लगाये। जवाबदेही यात्रा के प्रति सवाई माधोपुर के बाजारों में लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। जवाबदेही यात्रा से जुड़े स्वयंसेवक माया, अक्षत, संजीदा, जितेंद्र, सुरेश, आदि ने कानून और जवाबदेही कानून किसलिए को लेकर पर्चे बांटे। जवाबदेही यात्रा के शक्ति सिंह, नरपत, ठाकुर, रमेश आदि ने लोगों की शिकायतें लिखीं जिन्हें अतिरिक्त जिला कलेक्टर को सौंपा गया और इन्हें जवाबदेही यात्रा के इवेंट में दर्ज कर कार्यवाही शुरू की जाएगी।
जिला प्रशासन के साथ हुई बैठक:-
मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक खन्ना, अतिरिक जिला कलेक्टर डॉ. सूरज सिंह नेगी, जिला शिक्षा अधिकारी, उपनिदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, श्रम विभाग सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। अभियान की ओर से निखिल डे, आर डी व्यास, पारस बंजारा, कमल कुमार, मुकेश निर्वासित, रेहाना बानो, शक्ति सिंह, धर्मचंद खैर, संदीप, मोहनलाल, वंशिका, डब्ल्यू आदि ने मुद्दे रखे। सबसे पहले प्रशासन गाँव और शहर के संग प्रकरणों की प्रगति, सिलिकोसिस, पालनहार, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, महात्मा गाँधी नरेगा में काम और रिजेक्ट पेमेंट, स्कूलों में खेल मैंदान और उन पर स्कूल का कब्ज़ा, स्कूलों और अस्पतालों में स्टाफ, शहरी रोज़गार गारंटी योजना, घुमंतुओं के लिए नए कार्यों और पट्टों सहित कई अन्य योजनाओं पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई।
जिला प्रशासन ने दिया उचित कार्यवाही करने का आश्वासन:-
मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक खन्ना एवं अतिरिक्त जिला कलेक्टर डॉ. सूरज सिंह नेगी ने समस्याओं को बहुत ही गंभीरता से सुना और सभी शिकायतों पर उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। कुछ समस्याओं के संबंध में मौके पर ही अधिकारियों को निर्देशित किया।
क्या है जवाबदेही कानून और क्यों की जा रही है इसकी मांग:-
पिछले एक दशक से भी अधिक समय से जवाबदेही कानून की मांग राज्य में की जा रही है। गौरतलब है कि सूचना का अधिकार, महात्मा गाँधी नरेगा, सामाजिक अंकेक्षण जैसे कानून और प्रयासों के लिए राजस्थान से आन्दोलन की शुरुआत हुई और ये कानून बने और पूरे देश में फैले। जवाबदेही कानून आरटीआई पार्ट-2 है, जो पारदर्शिता से जवाबदेही की ओर ले जाएगा। ये कानून राज्य में लोकसेवकों की जनता के प्रति जवाबदेही स्थापित करेगा। 2018 में राजस्थान कांग्रेस कमेटी ने अपने घोषणा पत्र में यह वादा किया था कि वे जवाबदेही कानून लाएंगेI काँग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रामलुभाया के नेतृत्व में कानून का मसौदा बनाये जाने और अपने सिफारिश देने के लिए समिति बनाई, जिसने कानूनी मसोदा जनवरी 2020 में प्रस्तुत कर दिया थाI मुख्यमंत्री ने 2022-23 के बजट में पुनः जवाबदेही कानून लाने की घोषणा की है लेकिन आज दिन तक उस कानून के मसौदे को विधानसभा के पटल पर नहीं रखा गयाI