राज्य सरकार की घोषणा के मुताबिक कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों का स्कूलों में 18 जनवरी से शिक्षण कार्य प्रारंभ होगा। इससे पूर्व सुरक्षा मापदंड एवं एसओपी निर्धारित किए गए हैं। इस संबंध में जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ सोमवार को कलेक्ट्रेट में बैठक कर सुरक्षा मानकों के साथ स्कूल खोलने तथा एसओपी की पूर्णतः पालना के संबंध में निर्देश दिए है।
जिले में कक्षा 9 से 12 तक के छात्र-छात्राएं अभिभावकों की सहमति पर स्कूल पहुंचेंगे। कक्षा अनुसार स्कूल में प्रवेश व निकासी का समय भी अलग-अलग तय किया गया है। बच्चों को पीने के पानी की बोतल भी घर से ही भरकर लानी होगी।
कलेक्टर ने सभी स्कूलों में कोविड-19 की गाइड लाइन की पालना एवं सुरक्षा मानक अपनाने के लिए शिक्षा विभाग के निदेशक की ओर जारी निर्देशों की अक्षरश: पालना के निर्देश दिए हैं। निदेशक के निर्देशों के अनुसार माध्यमिक स्तर की प्रत्येक कक्षा-कक्ष में बैठक क्षमता के अधिकतम 50 प्रतिशत विद्यार्थी ही बैठाये जाएंगे। स्कूल प्रबंधन की ओर से साफ-सफाई, कक्षा में बैठक व्यवस्था, सेनिटाइजर व मास्क आदि की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करनी होगी।
सीडीईओ रामकेश मीना ने बताया कि निर्देशों के अनुसार कक्षा 10 व 12 के विद्यार्थियों का समय सुबह 9:30 से दोपहर 3:30 बजे तक का रहेगा। वहीं कक्षा 9 व 11 वीं के विद्यार्थियों का समय सुबह 10 से अपरान्ह 4 बजे तक रहेगा। विद्यार्थियों के स्कूल में प्रवेश व निकासी के समय स्कूल का मुख्य दरवाजा पूरा खुला रखना होगा। बालकों के प्रवेश व निकास के समय एक शिक्षक की ड्यूटी गेट पर रहेगी। सभी कार्मिकों, शिक्षकों एवं बालकों को आवश्यक रूप से फेस मास्क का प्रयोग करना होगा।
शिक्षा विभाग को 18 जनवरी से स्कूल खोलने की तैयारी अभी से पूरी करनी होगी। स्कूल खोलने से पूर्व प्रत्येक स्कूल को सेनेटाइज करवाया जाएगा। प्रत्येक स्कूल में सेनेटाइजर, मास्क आदि रखवाए जाएंगे। छात्रों को मास्क लगाकर आना होगा। विद्यार्थियां के स्कूल आने से पहले उनके अभिभावकों की स्वीकृति लेना जरूरी है। स्कूल में बच्चों की उपस्थिति जरूरी नहीं रहेगी। गैर हाजिर रहने वाले विद्यार्थियों को स्कूल आने के लिये किसी भी प्रकार से बाध्य नहीं किया जाएगा। गाइडलाइन के अनुसार ही स्कूलों का संचालन करवाया जाएगा।
सीडीईओ ने बताया कि स्कूल को एसओपी की पालना करनी होगी। प्रत्येक स्कूल प्रबंधन दल गठित करेगा जिसमें चिकित्सक, एएनएम, कपाउंडर शामिल होंगे। समय-समय पर बालकों की स्वास्थ्य जांच करनी होगी। स्कूल के फर्श, गेट, खिड़की, नल आदि की बार-बार सफाई करवा जाएगी। कुर्सी, दरी, स्टूल, बोर्ड, कम्प्यूटर व अन्य उपकरणों को प्रतिदिन सेनिटाइज करना होगा। स्कूल में हाथ धोने के लिए साबुन, साफ जल की व्यवस्था करनी होगी। बच्चों को लंच के समय, लघुशंका आदि के बाद मानक के अनुसार हाथ धोने को प्रेरित करना होगा।
बच्चों को भी रखनी होगी सावधानी:- विद्यालय खुलने के साथ ही बालकों को भी पूरी सावधानी रखनी होगी। बाल वाहिनी तथा स्कूल में प्रवेश व निकासी के समय पर्याप्त दूरी बनाए रखनी होगी। फेस मास्क का उपयोग करना होगा। विद्यार्थी गंदगी नहीं फैलाएंगे। पाठ्य सामग्री, नोटबुक, पेन, पेंसिल साझा नहीं करेंगे। प्रायोगिक कार्य छोटे समूह में किए जाएंगे। बच्चे टिफिन साझा नहीं करेंगे तथा अपनी बोतल से लाया पानी ही पीएंगे।
जिला कलेक्टर ने वीसी के माध्यम से समस्त उपखंड अधिकारियों एवं ब्लाॅक लेवल शिक्षा अधिकारियों को भी एसओपी की पालना के संबंध में निर्देश दिए। बैठक में एडीएम सूरज सिंह नेगी, सीईओ जिला परिषद रामस्वरूप चौहान ने भी विचार साझा किए। बैठक में सहायक निदेशक रमसा रमेश चंद मीना, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, एडीईओ मंजूलता जैन, घनष्याम बैरवा, चन्द्र शेखर शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।