जयपुर:- पॉपुलर फ्रंट राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद आसिफ ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि शिक्षक दिवस के अवसर पर राजस्थान सरकार की ओर से राज्य स्तरीय सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में जब शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला का संबोधन शुरू हुआ तो उस समय राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अमीन कायमखानी ने प्राथमिक शिक्षा में उर्दू शिक्षकों की लंबित नियुक्ति की जांच करने एवं मुख्यमंत्री द्वारा बजट 2021 में प्राथमिक स्तर की शिक्षा बहाल करने की घोषणा को पूरा करने की मांग उठाई गई।
तृतीय भाषा उर्दू के 1 हजार पदों के सृजित करने की मुख्यमंत्री ने बजट 2021 में घोषणा की थी, जिसकी पालना में शिक्षा विभाग ने 541 तृतीय श्रेणी लेवल 2 उर्दू के 541 पद तथा वरिष्ठ अध्यापक उर्दू के 58 पद आवंटित किए जा चुके हैं, लेकिन अफसोस की बात है कि जिन विद्यालयों में उर्दू के पद आवंटित किए है इनमें ज्यादातर स्कूलों में उर्दू शिक्षक की व्यवस्था नहीं होने के कारण आज भी उर्दू भाषी विद्यार्थी मजबूरन संस्कृत पढ़ रहे हैं, तथा अपनी उर्दू भाषा की तालीम से महरूम रह रहे हैं।
इस मुद्दे पर शिक्षक नेता द्वारा सवाल उठाए जाने पर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के कार्यकर्ताओं द्वारा अभद्रता की गई जो कि बेहद शर्मनाक कृत्य था। सरकार का उर्दू शिक्षक संघ के प्रमुख अमीन कायमखानी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करना मुस्लिम नेताओं के प्रति कांग्रेस के तानाशाही रवैये को दर्शाता है।
सरकार से किसी भी मांग के लिए आवाज उठाना या सवाल करना जुर्म नहीं है, लेकिन राजस्थान सरकार ने जिस तानाशाही से शिक्षक को निलम्बित करने की कार्यवाही की है वह अफसोस जनक है। पॉपुलर फ्रंट मांग करता है कि सरकार अपनी कार्यवाही को तुरंत वापस ले साथ ही शिक्षक अमीन कायमखानी को फिर से बहाल कर उर्दू के लिए उठाई गई मांगों को पूरा करे।