जिला कलेक्टर डॉ. एस.पी. सिंह ने कहा कि अधिकारियों को बाल संरक्षण के कार्य बहुत संवेदनशीलता और गंभीरता के साथ सामूहिक प्रयासों से करने चाहिए। उन्होंने बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड एवं बाल गृह संचालकों को मुस्तैदी से कार्य करने के निर्देश दिए।
डॉ. सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में जिला बाल संरक्षण इकाई की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिले में चाइल्ड हैल्पलाइन 1098 का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। उन्होंने नल, बिजली, टेलीफोन के बिलों पर हैल्पलाइन नंबर प्रकाशित करने, विद्यालयों में सुझाव पेटिका रखवाने एवं हैल्पलाइन नंबर लिखवाने और बसों के माध्यम से नंबर का अधिक से अधिक प्रचार करने के निर्देश दिए। उन्होंने सिनेमा और केबल टीवी के माध्यम से भी इसे प्रचारित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने बाल कल्याण समिति के समक्ष लंबित प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि किशोर न्याय बोर्ड में दो सौ से अधिक मामले लंबित हैं। उन्होंने अपराधों में किशोरों के लिप्त होने को सामाजिक पतन के रूप में मानते हुए इस संबंध में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सामाजिक स्थिति के अनुसार इस संबंध में लोगों को जागरूक करें।
कलेक्टर ने बाल गृहों की स्थिति सुधारने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि जो बच्चे कम उम्र में यहां आए हैं उनके परिजनों का पता लगाने के लिए बाल गृह संचालक पुलिस एवं चाइल्ड हैल्पलाइन के साथ समन्वय करें।
राजकीय किशोर गृह के लिए पृथक से गृह निर्माण वास्ते भूमि आवंटन पर उन्होंने जल्द ही इसका निर्माण शुरू करवाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
बैठक में आईसीडीएस के डीडी धर्मपाल सिंह और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के एडी अशोक बैरवा समेत अन्य विभागों के अधिकारीगण, चाइल्डलाइन कोर्डिनेटर और एनजीओ के प्रतिनिधि उपस्थित थे।