बूंदी: राजस्थान के बूंदी स्टेशन पर रेल हा*दसे की खबर से हड़कंप मच गया। कोटा रेल मंडल में सायरन की आवाज सुनाई देने लगी। इमरजेंसी व पुलिस- प्रशासन की टीम को अलर्ट किया गया। बूंदी स्टेशन मास्टर ने कंट्रोल रूम को 15 लोगों के घायल होने की सूचना दी। वहीं कंट्रोल रूम में बैठे अधिकारियों के पसीने तक छूटने लगे। डीआरएम मनीष तिवारी दल बल के साथ सड़क मार्ग से मौके पर पहुंचे। एंबुलेंस के साथ डॉक्टरों की टीम भी मौके पर पहुंची।
रेलवे के आलाधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर हालातों का जायजा लिया। लेकिन वहाँ जाकर पता चला कि यह रेलवे का मॉक ड्रिल एनडीआरएफ टीम के साथ चल रहा है। तब तक स्टेशन पर लोगों की भारी भीड़ भी जमा हो गयी थी। मॉक ड्रिल का मकसद रेल हा*दसे के बाद कर्मचारियों का कौशल दक्षता जांचना था। संयुक्त अभ्यास के अंतर्गत काल्पनिक गाड़ी सं. 02945 डाउन के स्लीपर और जनरल कोच को एक दूसरे पर चढ़ना दर्शाया गया है।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस और रेलकर्मियों ने बोगियों में फंसे घायल यात्रियों को निकालने और चिकित्सा सेवा मुहैया कराने का अभ्यास किया। रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद हा*दसे को वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी विनोद कुमार मीना ने मॉक ड्रिल घोषित किया।
इस संबंध में डीआरएम कोटा ने सोशल मीडिया एक्स पर भी ट्वीट किया है। डीआरएम कोटा ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि, “आज बूंदी स्टेशन पर दुर्घटनाओं के मद्देनजर जानमाल की क्षति की रोकथाम एवं आपातकालीन परिस्थितियों में संरक्षा के प्रति जागरूकता व सजगता को परखने हेतु एनडीआरएफ एवं रेलवे विभाग की टीम के द्वारा संयुक्त फुल स्केल मॉकड्रील अभ्यास काआयोजन किया गया।”