शुक्रवार का दिन भारत जोड़ो यात्रा के लिए ऐतिहासिक दिन था। कन्याकुमारी से शुरू हुई यात्रा के 100 दिन पूरे हुए। सुबह के सत्र में दौसा जिले के मीणा हाईकोर्ट से जब पदयात्रा शुरू हुई तब स्थानीय लोगों की भारी भीड़ थी। जिन रास्तों से यात्रा गुजरी वहां जबरदस्त स्वागत हुआ। शाम में यात्रा नहीं होनी थी इसलिए सुबह के सत्र में ही 24 किलोमीटर की पदयात्रा हुई। इस दौरान पांच समूहों के लोग मुख्य रूप से राहुल गांधी के साथ चले। एक समूह में आदिवासी विकास मंच के प्रतिनिधि थे। इन लोगों ने एससी-एसटी से जुड़ी योजनाओं के लिए अलग फंड लाने की राजस्थान सरकार की पहल को जल्द अमल में लाने के साथ-साथ पैसा कानून को और बेहतर ढंग से लागू करने की मांग रखी। इस समूह के एक सदस्य ने ओला, उबर, स्विगी जैसे ऐप बेस्ड कर्मियों की सामाजिक सुरक्षा को लेकर एक सुझाव दिया, जिस पर राहुल गांधी ने सहमति जताई और मुख्यमंत्री से इस पर काम करने का अनुरोध किया।
यह सुझाव ओला, उबर जैसी कंपनियों के हर राइड पर कुछ प्रतिशत कर लगाने और इससे जो पैसा आए उसे गिग वर्कर्स के सामाजिक सुरक्षा पर खर्च करने का था। दूसरे समूह में जाने-माने पत्रकार और जनसत्ता के पूर्व संपादक ओम थानवी राहुल गांधी के साथ चले। उन्होंने राहुल से कहा कि मैं इस यात्रा को सिर्फ पॉलिटिकल इवेंट नहीं मानता हूं, जैसा कि कुछ टेलीविजन चैनल वगैरह इसे बता रहे हैं। मैं इसे एक सामाजिक, सांस्कृतिक एक्टिविटी के रूप में देखता हूं, जो हिंसा एवं सांप्रदायिकता की वजह से देश में आई टूटन के खिलाफ जागरूकता फैलाने का काम कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि यह यात्रा एक सफल यात्रा है क्योंकि 100 दिनों से यात्री पैदल चल रहे हैं। अन्य सभी जो यात्राएं, आडवाणी वगैरह ने की हैं, वो पदयात्रा नहीं रथ यात्रा थी।
ओम थानवी ने इस दौरान पत्रकारों पर हो रहे हमलों का जिक्र किया और राहुल गांधी से कहा कि सभी विपक्षी दलों को मिलकर पत्रकारों की मदद करनी चाहिए ताकि उन पर अत्याचार ना हो। शाम में जयपुर स्थित प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पिछले 100 दिनों में बहुत अच्छा अनुभव रहा है। जब यात्रा शुरू हुई थी तब प्रेस के हमारे मित्रों ने कहा था कि दक्षिण में तो यात्रा सफल होगी लेकिन साउथ से निकलेगी तब सफल नहीं होगी।
जब महाराष्ट्र में सफल हुई तब कहा कि महाराष्ट्र में तो सफल हो गई लेकिन हिंदी बेल्ट में नहीं होगी। जब मध्यप्रदेश में सफल हो गई तब कहा गया कि यहां तो सफल हो गई, राजस्थान में नहीं होगी क्योंकि वहां गुटबाजी है। लेकिन राजस्थान में भी सभी ने देखा कि लाखों लोग यात्रा में शामिल हुए। संगठन ने बढ़िया काम किया। शायद सबसे अच्छा स्वागत राजस्थान में ही हुआ। राहुल ने आगे कहा कि यात्रा के तीन मुख्य लक्ष्य हैं। सबसे पहले हम हिंदुस्तान को जोड़ना चाहते हैं। बीजेपी जो हिंसा और डर की राजनीति कर रही है हम उसके खिलाफ खड़ा होना चाहते हैं और यह संदेश बहुत अच्छी तरह देश में गया है। दूसरा जो महंगाई और बेरोजगारी बढ़ रही है, आर्थिक असमानता बढ़ रही है उसके खिलाफ यह यात्रा है। कुछ चुने हुए लोगों को बहुत फायदा मिल रहा है और हमारे जो किसान हैं, युवा हैं, गरीब हैं, उनका नुकसान हो रहा है। यह देखकर दुख होता है कि 100 लोगों के पास इतना धन है जितना 50 करोड़ हिंदुस्तानियों के पास है। एक सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कन्याकुमारी से लेकर राजस्थान तक पिछले 100 दिनों में एक चीज़ उन्होंने जो उन्होंने महसूस किया है वह ये है कि कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता लाखों-करोड़ों में है।
करोड़ों समर्थक हैं। हर जगह हमें प्यार मिल रहा है। जब हम केरल में थे तो हमें लगा कि हमारा संगठन यहां मजबूत है, लेकिन महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान हर जगह हमारा संगठन मजबूत दिखा। उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान में जब वह लोगों से मिल रहे हैं तो वे चिरंजीवी और शहरी मनरेगा जैसी योजनाओं की तारीफ कर रहे हैं। बातचीत के दौरान कुछ समस्याएं भी सुनने को मिल रही हैं। लेकिन ओवरऑल रिस्पांस अद्भुत है। हमारे कार्यकर्ता मजबूती से यहां काम कर रहे हैं, यदि हमने उन्हें सही ढंग से जगह दी, तो अगले चुनाव में हम स्वीप करेंगे। राहुल गांधी ने मीडिया पर चुटकी लेते हुए कहा कि मैं अपने दोस्त के साथ जब लंच कर रहा था तब उनसे कहा कि आप शर्त लगा लो, आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चीन को लेकर एक सवाल भी नहीं पूछा जाएगा, जिन्होंने 2 हजार स्क्वायर किलोमीटर जमीन हड़प ली, हमारे 20 जवानों को शहीद किया और अरुणाचल में हमारे सैनिकों को पीट रहे हैं।
इसके बाद एक महिला पत्रकार ने चीन को लेकर सवाल किया। जिसके जवाब में राहुल ने कहा कि चीन की तरफ से लद्दाख एवं अरुणाचल में आक्रमक तैयारी चल रही है और हिंदुस्तान की सरकार सोई हुई है। चीन का जो खतरा है उसे सरकार छुपाने की कोशिश कर रही है। वह युद्ध की तैयारी कर रहा है। यदि उनके हथियारों का पैटर्न देखें तो यह बात साफ समझ आती है। लेकिन सरकार इसे समझना नहीं चाह रही। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि हमारी सरकार स्ट्रेटजिकली नहीं इवेंट के आधार पर काम करती है। लेकिन विदेश नीति में स्ट्रेटजी की ज़रूरत पड़ती है। शाम में राहुल गांधी ने जयपुर के जय महल पैलेस में पूर्व मुख्य न्यायाधीशों एवं हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के साथ बातचीत की। वहीं अल्बर्ट हॉल में भारत जोड़ो कंसर्ट का आयोजन किया गया जिसमें सुनिधि चौहान ने मुख्य रूप से परफॉर्म किया।