आजादी के अमृत महोत्सव पर कृषि विभाग की ओर से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन तिलहन योजना के तहत करमोदा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र पर दो दिवसीय संस्थागत कृषक प्रशिक्षण आयोजित किया गया। कृषि विभाग के सहायक निदेशक डॉ. हेमराज मीना ने किसानों को उन्नत तकनीकी अपनाकर तिलहनी फसलों के उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। उद्यान विभाग के सहायक निदेशक चंद्रप्रकाश बताया ने किसानों को ड्रिप, सोलर एवं हाईटेक उद्यानिकी की तकनीकी जानकारी दी।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के क्षेत्रीय केंद्र पुणे के विशेषज्ञ ओमप्रकाश मीना ने नवाचार गतिविधियों को अपनाने की सलाह दी। केवीके के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. बी. एल. मीना ने समन्वित कीट प्रबंधन विषय पर तकनीकी जानकारी जैविक खेती के लिए प्रेरित किया। उद्यान वैज्ञानिक डॉ. सुरेश बैरवा ने समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन, शस्य वैज्ञानिक नूपुर शर्मा ने तिलहनी फसलों की उत्पादन नवीनतम तकनीकी बताई।
प्रशिक्षण के दौरान कृषि अधिकारी अनुष्का गुर्जर ने फसलों में कीट रोग निदान बताएं। कृषि पर्यवेक्षक विजय जैन ने कृषि एवं उद्यान विभाग द्वारा किसानों को दी जा रही अनुदान सुविधाओं के बारे में बताया। कृषि पर्यवेक्षक रासबिहारी गुप्ता ने फसल अवशेष प्रबंधन एवं नाडेप कम्पोस्ट बनाने का तरीका बताया। सहायक कृषि अधिकारी रामप्रसाद मीना ने देश की आजादी में महापुरुषों के योगदान से रूबरू कराया।
सहायक कृषि अधिकारी रामजीत मीना ने प्रशिक्षण का संचालन किया। प्रशिक्षण में अनुसूचित जनजाति के 30 किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में भरतलाल मीना बड़ागांव कहार प्रथम, प्यारेलाल मीना देवपुरा द्वितीय एवं कैलाशचंद मीना तृतीय स्थान पर रहे, विजेता किसानों को कृषि अधिकारियों ने पुरुस्कार एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए।