जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन की अध्यक्षता में आज गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जल जीवन मिशन के तहत जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में जल जीवन मिशन के तहत 2024 तक प्रत्येक घर तक नल के माध्यम से पानी पहुुुंचाने के लक्ष्य में अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने योजना के तहत घर-घर जल संबंध के लिए स्वीकृत एवं प्रस्तावित योजनाओं की प्रगति एवं क्रियांविति की योजनावार समीक्षा कर निर्देश दिए।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि जिले में 756 गांवों में जल योजनाओं के माध्यम से घर-घर नल कनेक्शन किए जाने हैं। इस वर्ष मिशन के तहत 57 हजार से अधिक टेप कनेक्शन का लक्ष्य लेकर कार्य किया जा रहा है। जिले में 325 गांवों के लिए 261 जल योजनाओं की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी हो चुकी है। इसमें से 252 गांवों की 203 जल योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति जारी कर ली गई है। इनमें से 131 गांवों की 125 जल योजनाओं के कार्यादेश जारी किए जा चुके है। इनसें 46 हजार 116 नल कनेक्शन जारी किए जाने का लक्ष्य है।
कलेक्टर ने ग्राम कार्य योजना के एक्शन प्लान को आईएसए के माध्यम से बनाने एवं ग्राम सभाओं में अनुमोदित करवाने के संबंध में भी निर्देश दिए। कलेक्टर ने शेष गांवों की डीपीआर शीघ्र तैयार कर स्वीकृति के लिए भिजवाने के निर्देश दिए। जिससे सभी गांवों के लोगों को नल कनेक्शन के माध्यम से 2024 तक आवश्यक रूप से नल कनेक्शन से पेयजल आपूर्ति हो सके। कलेक्टर ने स्वीकृत योजनाओं के कार्यों में प्रगति लाकर समय पर पूरा करने तथा इनसे नल कनेक्शन लाभार्थियों को उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। बैठक में एसई पीएचईडी ने बताया कि जिले के 732 गांवों में वीडब्ल्यूएससी का गठन हो चुका है। इनमें से 195 का पुनर्गठन कर महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने तथा आईएसए टीम द्वारा इनके बैंक खाते खुलवाने के कार्य को किया जा रहा है।
कलेक्टर ने जल जीवन मिशन योजना के तहत इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर एवं फीटर की ट्रेनिंग सहित अन्य गतिविधियों के संबंध में जानकारी ली तथा निर्देश दिये कि ट्रेनिंग प्राप्त कर चुके युवाओं का गांवों में सहयोग लिया जाए। इससे पूर्व कलेक्टर ने पूर्व बैठक में दिए गए निर्देशों की पालना एवं एक्शन टेकन रिपोर्ट की जानकारी ली। बैठक में अधीक्षण अभियंता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी सीताराम मीना ने जल जीवन मिशन के तहत किए जा रहे कार्यों की गुणवत्ता एवं प्रगति के संबंध में जानकारी दी।
सामग्री की गुणवत्ता का निरीक्षण ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति को भी करवाएं:-
कलेक्टर ने बैठक में निर्देश दिए कि जल योजनाओं में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए। ठेकेदार द्वारा आपूर्ति की जाने वाली सामग्री एवं उपयोग में ली रही सामग्री का अधिकारी निरीक्षण करने के दौरान ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्यों को भी साथ में रखकर निरीक्षण करवाएं। गुणवत्ता जांच करने की सूचना वीडब्ल्यूएससी को आवश्यक रूप से दे। जन सहभागिता के द्वारा प्राप्त किए जाने वाले अंशदान के संबंध में जागरूकता बनाने के निर्देश भी दिए। तकनीकि रूप से भी पर्यवेक्षण करे, ऊॅंचाई वाले स्थान पर भी नल से पानी पहुंचना सुनिश्चित हो।
स्कूल एवं आंगनबाडी केन्द्रों में नल कनेक्शन की समीक्षा:-
कलेक्टर ने बैठक में बताया कि जिले के ऐसे सरकारी स्कूल और आंगनबाड़ी केन्द्र, पंचायत भवन, स्वास्थ्य केन्द्र जो अब तक भी पेयजल कनेक्शन से वंचित हैं, उनको जल जीवन मिशन में कनेक्शन जारी होंगे। उन्होंने बताया कि जिले के 708 स्कूल, 686 आंगनबाडी केन्द्र नल कलेक्शन के लिए चिन्हित किए गए है। इनमे से 206 स्कूलों में हैंडपंप से पेयजल की व्यवस्था है, इनमें जिला परिषद के माध्यम से सिंगल फेज मोटर लगवाकर टेप कनेक्शन करवाने के लिए जिला परिषद के अधिकारी को निर्देश दिए। इसी प्रकार शेष अन्य विद्यालयों में जल योजनाओं के माध्यम से कनेक्शन करवाएं जाएंगे।
आंगनबाडी केन्द्र, ग्राम पंचायत, स्वास्थ्य केन्द्र पर भी नल कनेक्शन के संबंध में समीक्षा की गई। कलेक्टर ने जल जीवन मिशन के तहत युवाओं को राजस्थान राज्य कौशल विकास परिषद के माध्यम से इलेक्ट्रिसियन, प्लम्बर और फिटर का प्रशिक्षण देने के संबंध में जानकारी ली तथा निर्देश दिये कि जल जीवन मिशन सहित अन्य पेयजल सुविधाओं संबंधी विकास कार्यों में स्थानीय युवाओं की सहभागिता हो सके।
समय पर एवं गुणवत्ता के साथ हो कार्य:-
कलेक्टर ने जिले के लिए स्वीकृत योजनाओं के कार्य को समय पर गुणवत्ता के साथ पूर्ण करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने बीएसआर दर नई आने के कारण बकाया योजनाओं में संशोधित डीपीआर तैयार कर शीघ्र स्वीकृत करवाकर घर घर नल कनेक्शन के लक्ष्य प्राप्त करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने जल जीवन मिशन के तहत लोगों की जन भागीदारी बढाने तथा जनता द्वारा दिए जाने वाले कंट्रीब्यूशन के संबंध में विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। बैठक में जनता जल योजनाओं के बकाया बिजली बिलों के संबंध में निर्देश दिए।
इसी प्रकार मोरेल नदी पर नीमोद एवं सांचोली के मध्य बनने वाले एनीकट के संबंध में अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की गई। इस सम्बंध में हुई प्रगति की जानकारी एसई पीएचईडी सीताराम मीना ने दी। बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तम सिंह शेखावत, अधिशासी अभियंता कैलाश चंद, हरज्ञान सिंह, सीपीओ बाबूलाल बैरवा सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।