जिले के बेरोजगार कला शिक्षक अभ्यर्थियों ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर कला शिक्षकों की भर्ती करने की मांग की है। उन्होने ज्ञापन में बताया कि राजकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 10 तक अनिवार्य कला शिक्षा (चित्रकला संगीत) विषय के शिक्षण किये बिना ही प्रतिवर्ष लाखों बच्चों को 100 अंकों का फर्जी मूल्यांकन कर बच्चों की अंक तालिकाओं में फर्जी ग्रेडिंग दी जा रही है। न कला शिक्षा पुस्तक उपलब्ध न ही राजकीय विद्यालयों में कला शिक्षकों के पद सृजित है जिससे बच्चों को कला शिक्षा का सृजनात्मक रचनात्मक शिक्षण से वंचित रहना पड़ता है।
जबकि दूसरी तरफ राजस्थान के महाविद्यालय व विश्वविद्यालय में कला शिक्षा चित्रकला, संगीत, मूर्तिकला, दक्षता प्रदान कर कला शिक्षकों की डिग्री देकर बेरोजगार बनाया जा रहा है। 1992 से कला शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई। कला शिक्षा के फर्जीवाड़े पर रोक लगे व योग्यता प्राप्त कला शिक्षकों के द्वितीय व तृतीय श्रेणी के पद सृजित होकर भर्ती शुरू हो आदि मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा गया।
ज्ञापन में जिले के प्रभारी निर्मल कुमार नागर ने बताया कि गत 17 जुलाई 2020 में तत्कालीन निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग बीकानेर ने कला शिक्षा विषय कि नियमित भर्ती करने के मामले में राजस्थान सरकार को पत्र भेजा था लेकिन अभी तक नियमित भर्ती नहीं कि गई जिससे बेरोजगार कला शिक्षक अभ्यर्थियों में भारी रोष व्याप्त है। कलाकार निर्मल कुमार नागर ने बताया की आगामी विधानसभा सत्र में प्रदेश का बेरोजगार कला शिक्षक अभ्यर्थी अपनी पेन्टिगों व संगीत वाद यंत्रों के साथ घेराव करेगा उसके बाद यदि सुनवाई नहीं की गई तो शिक्षा मंत्री का पेन्टिगों व वाध्य यन्त्रों के साथ घेराव किया जायेगा।