एक बार की गलती युवकों को फांसी के फंदे तक ले जाएगी, जवानी में जोश दिखाने वाले युवक भी सबक लें
अजमेर जिले के ब्यावर उपखंड की नाबालिग लड़की अपने घर से प्रेमी के साथ भागकर गत 14 जुलाई की रात जोधपुर पहुंची। तो तीन युवकों ने प्रेमी के सामने ही लड़की से गैंगरेप किया। हालांकि अब तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इस घटना से उन लड़कियों को सबक लेना चाहिए जो घर से भागती हैं। जोधपुर के गैंगरेप के घटनाक्रम से पता चलता है कि घर से भागने वाली लड़की के प्रति अनेक लोग ललचाई नजर से देखते हैं। गैंगरेप के पहले ब्यावर की लड़की और उसके प्रेमी ने जोधपुर में पावटा स्थित कृष्णा गेस्ट हाउस में शरण ली थी। गेस्ट हाउस के 34 वर्षीय कार्मिक सुरेश ने जब बुरी नजर डाली तो प्रेमी युगल ने गेस्ट हाउस खाली कर दिया और रात दस बजे रेलवे स्टेशन के बाहर बैठ गए। तभी तीनों युवकों की नजर पड़ी और प्रेमी युगल को जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी के कैम्पस में ले जाया गया। यही पर प्रेमी के सामने ही लड़की से गैंगरेप हुआ।
यदि लड़की घर से भागी हुई नहीं होती तो गैंगरेप भी नहीं होता। यदि लड़की अपने पिता या भाई के साथ होती तो बुरी नजर से बची रह सकती थी। जिस लड़के के साथ लड़की भागी उसे भी नपुसंक ही कहा जाएगा कि वह अपने दोस्त की रक्षा भी नहीं कर सका। यदि सच्चा प्यार होता तो प्रेमी अपनी जान दे देता। जहां तक कानून व्यवस्था का सवाल है तो इसे फेल ही माना जाएगा। जोधपुर में गैंगरेप की घटना इसलिए गंभीर है कि जोधपुर मुख्यमंत्री-गृह मंत्री अशोक गहलोत का गृह जिला है। जब मुख्यमंत्री के गृह जिले में ही कानून का डर नहीं है, तब राजस्थान भर में कानून व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है। कानून का डर होता तो तीनों युवक बलात्कार करने की हिम्मत नहीं दिखा पाते। सत्तारूढ़ पार्टी का यह कथन उचित नहीं है कि बलात्कार भाजपा शासित राज्यों में भी होते हैं। पार्टी के नेताओं को इस तथ्य को भी स्वीकार करना चाहिए कि बलात्कार की घटनाओं में राजस्थान देश में पहले नंबर पर है। जब देश में सबसे ज्यादा बलात्कार राजस्थान में होते हैं तो बचाव का कोई तर्क मायने नहीं रखता है।
फांसी का फंदा:- पुलिस ने गैंगरेप के आरोप में जिन तीन युवकों को गिरफ्तार किया है, उनमें बाड़मेर के समंदर सिंह और धर्मपाल सिंह शामिल हैं। समंदर सिंह बीए प्रथम और धर्मपाल सिंह एमए प्रथम का विद्यार्थी है। इसी प्रकार ओसियां निवासी भट्टम सिंह अजमेर में बीएड की पढ़ाई कर रहा है। यानी तीनों युवक पढ़े लिखे हैं और उन्हें सही व गलत कार्य का ज्ञान है।
लेकिन इसके बावजूद भी तीनों ने माफ न करने वाली गलती की। इस एक गलती की वजह से अब उन्हें फांसी के फंदे तक जाना होगा। जोधपुर पुलिस ने कहा है कि तीनों आरोपियों के खिलाफ 15 दिन में चालान पेश किया जाएगा और फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी। (एसपी मित्तल, ब्लॉगर)