जयपुर: नीयत सही और सकारात्मक हो तो नियति कभी गलत नहीं हो सकती। यह कहावत शुक्रवार को जयपुर में हकीकत बनती नजर आई। जब जिला प्रशासन ने रास्ता खोलो अभियान के पहले ही दिन सहमति और समझाइश से बरसों से बंद 26 रास्ते खुलवाए गए। सालों से बंद रास्ते खुलने पर ग्रामीणों ने खुशी का इजहार किया साथ ही, जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों का आभार जताया। रास्ता खोलो अभियान के पहले दिन चौमूं एवं जोबनेर में 4-4, आंधी, चाकसू, शाहपुरा, सांगानेर में 3-3, कोटखावदा और किशनगढ़-रेनवाल में 2-2 एवं तूंगा और आमेर में एक-एक रास्ता खुलवाया गया।
किश्नगढ़-रेनवाल के धोलिया का वास गांव में करीब 50 साल पुराना रास्ता समझाइश से खुलवाया गया, तो वहीं, जमवारागढ़ की आंधी तहसील के दांतली में 30 साल पुराना रास्ता खुलवाया गया। तो वहीं, तूगां में 15 साल पुराना अतिक्रमण हटाकर 300 मीटर लंबा रास्ता आमजन के लिए सुचारू करवाया गया।इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि गांव और खेतों की ओर जाने वाली राह आसान करने के लिए जिला प्रशासन के इस अभियान से निश्चित रूप से आमजन को राहत मिलेगी।
जिला प्रशासन एवं पुलिस ने सहयोग कर दशकों से बंद सिवायचक, कटानी एवं गैर मुमकिन सहित अन्य सभी प्रकार के रास्तों को खुलवा कर उनकी राह बेहद आसान कर दी है। उन्होंने बताया कि इनमें से कुछ रास्ते तो करीब 50 साल से बंद थे, लेकिन सहमति एवं समझाइश से इन रास्तों को भी खुलवाने में कामयाबी मिली। गौरतलब है कि जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देश पर शुक्रवार को जिले में रास्ता खोलो अभियान का आगाज हुआ।
ग्रामीण क्षेत्रों में रास्तों की भूमि पर अतिक्रमण को लेकर जनसुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में परिवाद प्राप्त होते हैं। रास्तों को लेकर न्यायालय में भी वाद दायर किए जाते रहते हैं। ऐसे प्रकरणों में निरन्तर बढ़ोतरी होने से आमजन को न्यायालय के चक्कर लगाने एवं जन-धन की हानि होने के साथ-साथ क्षेत्र की कानून व्यवस्था भी प्रभावित होती है। इसलिए प्रशासन ने रास्ते सम्बन्धी समस्याओं के निराकरण के लिए ‘रास्ता खोलो अभियान’ चलाने का निर्णय लिया गया।