पहले 2200 महात्मा गांधी अंग्रेजी स्कूल का रिव्यू, अब 303 कॉलेजों का रिव्यू करने का आदेश
जयपुर : राजस्थान सरकार इन दिनों सरकारी व्यवस्थाओं को रिव्यू करने के नाम पर बंद करने का षड्यंत्र रचकर निजी माफियाओं का खुलेआम संरक्षण कर प्रदेश के छात्र-छात्राओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि जहां पहले प्रदेश के 2200 से अधिक महात्मा गांधी अंग्रेजी स्कूलों में नामांकन कम होने के नाम पर रिव्यू करने के आदेश दे चुकी है, जिस पर क्या रिव्यू हुआ आजतक कोई जानकारी राजस्थान सरकार ने साझा नही की है। बल्कि अब निजी शिक्षा माफियाओं के संरक्षण में नया आदेश और जारी करते हुए प्रदेश के 303 कॉलेजों का रिव्यू करने का आदेश दे दिया जिसमें भी वही हवाला दिया है जो स्कूलों को लेकर दिया था। इस पर संयुक्त अभिभावक संघ ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा की प्रदेश का कोई भी सरकारी डिपार्टमेंट हो या शिक्षा भवन सब जगह बदहाली साफ देखने को मिल जाती है, जिस पर सरकार ध्यान देने की बजाय नामांकन कम होने के नाम पर केवल शिक्षा भवनों का रिव्यू करने का आदेश जारी कर षड्यंत्र के तहत बंद करने की योजना बना रही है, जिससे प्रदेश के करोड़ों अभिभावक निजी शिक्षा माफियाओं तक आसानी से पहुंच सके।
संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की प्रदेश के सरकारी स्कूल और कॉलेजों का रिव्यू होना चाहिए किंतु वह रिव्यू फैली बदहाली, अव्यवस्थाओं के खिलाफ होने चाहिए ना कि नामांकन कम होने के चलते बंद करने के लिए रिव्यू होना चाहिए। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अगर प्रदेश के सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में फैली अव्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं कर सकते है तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। सरकारी स्कूल और कॉलेज बंद होना राजस्थान सरकार की ना केवल नाकामियों को साबित करता है बल्कि इस तरह के निर्णय मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री, शिक्षा मंत्री की नियत का भी एहसास करवाते है की यह लोग खुलेआम सत्ता का दुरुप्रयोग कर केवल निजी शिक्षा माफियाओं को संरक्षण दे रहे हैं।