प्लास्टिक कचरे से निपटने के लिए प्लास्टिक रिसाइकल पर देना होगा ध्यान
जयपुर:- विश्व पर्यावरण दिवस-5 जून के अवसर पर राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा आयोजित की जा रही सात दिवसीय हितधारक कार्यशाला के चौथे दिन प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग से पर्यावरण पर हो रहे दुष्प्रभावों को मद्देनजर रखते हुए “प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के दौरान अधीक्षण पर्यावरण अभियंता शशि चौधरी ने पीपीटी प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए मंडल द्वारा किये जा रहे प्रयासों एवं नवाचारों के बारे में बताया कि प्लास्टिक का दैनिक जीवन में उपयोग को एक ओर जहाँ नकारा नहीं जा सकता, वहीं प्लास्टिक पर्यावरण को हो रहे नुकसान का एक बहुत बड़ा कारण बना हुआ है।
ऐसे में प्लास्टिक रिसाइकिल करके पर्यावरण को हो रहे नुकसान से बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि आमजन को कचरे के पृथकीकरण के बारे में जागरूक होना चाहिए जैसे गीला कचरा एवं सूखा कचरा पृथक करके कचरा पात्रों में डाला जाये तो रिसाइकल करना आसान होता है। कार्यशाला के दौरान केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल, भोपाल के प्रतिनिधि अनूप चतुर्वेदी ने प्लास्टिक अपशिष्ट से सम्बंधित एसओपी की विस्तृत जानकारी दी।
वहीं आईआईटी खड़गपुर के बृजेश के दुबे द्वारा परम्परागत प्लास्टिक से माइक्रो प्लास्टिक एवं हरित विकल्प, सीआईपीईटी, जयपुर के प्रतिनिधि बिष्णु प्रसाद पांडा द्वारा आईएसओ-17088 के अनुसार बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक एवं टेस्टिंग गाइडलाइन्स पर विस्तार से जानकारी दी गयी। इस दौरान उन्होंने कार्यशाला में मौजूद प्लास्टिक उत्पादक एवं रिसाइकलर्स को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन की तकनीकों से अवगत करवाया गया। उत्पादक, रिसाइकलर्स , नगर निगम व डीएलबी के अधिकारियों ने भी अपनी समस्याओं पर विस्तार से बताया।
प्लास्टिक उत्पादक एवं रिसाइकलर्स पोर्टल पर करें पंजीकरण:-
कार्यशाला में मौजूद राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने प्लास्टिक उत्पादकों और रिसाइक्लर्स से पोर्टल पर पंजीकरण कर अपनी वार्षिक रिपोर्ट करने जमा और दाखिल करने का आग्रह किया। उल्लेखनीय है कि ईपीआर (एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी) के कार्यान्वयन को सुव्यवस्थित करने के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार ने वर्ष 2022 में प्लास्टिक पैकेजिंग के लिए एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी पर दिशा – निर्देशों को अधिसूचित किया था, जिसके अनुसार उत्पादकों, आयातकों ,और ब्रांड मालिकों और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रोसेसरों को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा विकसित केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण करवाना चाहिए।
ग्रामीण महिला विद्यापीठ, उच्च माध्यमिक विद्यालय मैनपुरा, सवाई माधोपुर
माध्यम अंग्रेजी एवं हिन्दी
कक्षा – L.K.G. से 12वीं तक
संकाय – विज्ञान, कला (उर्दू साहित्य)
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