भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव में बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के क़रीबी संजय सिंह की जीत के बाद गत गुरुवार को साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का एलान कर दिया था। उसके बाद से विरोध करने वाले तीनों पहलवान जनता में चर्चा का विषय बने हुए हैं। गत शुक्रवार को ही प्रियंका गांधी भी उनसे मिलने पहुंची थी।
इसी बीच गत शनिवार को साक्षी मलिक ने अपने सोशल मेडिया हैंड़ल ‘एक्स’ पर ट्वीट करके डब्ल्यूएफआई के एक फैसले पर आपत्ति जताई है। गत शनिवार की शाम साक्षी मलिक ने सोशल मीडिया हैंड़ल ‘एक्स’ पर ट्विट करते हुए लिखा है कि, “मैंने कुश्ती छोड़ दी है, पर कल रात से परेशान हूँ। वे जूनियर महिला पहलवान क्या करें जो मुझे फोन करके बता रही हैं कि दीदी इस 28 तारीख से जूनियर नेशनल होने हैं और वो नए कुश्ती फेडरेशन ने नंदनी नगर, गोंडा में करवाने का फैसला लिया है।”
मैंने कुश्ती छोड़ दी है पर कल रात से परेशान हूँ वे जूनियर महिला पहलवान क्या करें जो मुझे फ़ोन करके बता रही हैं कि दीदी इस 28 तारीख़ से जूनियर नेशनल होने हैं और वो नयी कुश्ती फेडरेशन ने नन्दनी नगर गोंडा में करवाने का फ़ैसला लिया है।
गोंडा बृजभूषण का इलाक़ा है। अब आप सोचिए कि…— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) December 23, 2023
अपनी आपत्ति का कारण समझाते हुए उन्होंने लिखा है कि, “गोंडा बृजभूषण का क्षेत्र है। अब आप सोचिए कि जूनियर महिला पहलवान किस माहौल में कुश्ती लड़ने वहाँ जाएँगी। क्या इस देश में नंदनी नगर के अलावा कहीं पर भी नेशनल करवाने की जगह नहीं है क्या? समझ नहीं आ रहा कि क्या करूँ।”
क्या है पूरा मामला?
इससे पहले गत शुक्रवार को डब्ल्यूएफआई के नए चुने गए अध्यक्ष संजय सिंह ने घोषणा की थी कि U-15 और U-20 नेशनल कंप्टीशन 28 से 30 दिसंबर के बीच गोंडा में आयोजित किए जाएंगे। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस फैसले के बाद साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया के समर्थक और डब्ल्यूएफआई के नवनिर्वाचित महासचिव प्रेम चंद लोचाब ने फेडरेशन से ये कंप्टीशन स्थगित करने की मांग की है।
लेकिन लोचाब के हाथों इस चुनाव में हारे दर्शन लाल ने विरोध करने वालों को आड़े हाथों लिया है। पीटीआई के अनुसार उन्होंने कहा कि, “लोचब जी शायद कुश्ती के बारे में नहीं जानते, क्योंकि अध्यक्ष नहीं चाहते कि इन पहलवानों का समय बर्बाद हो, क्योंकि 2023 कई पहलवानों का आखिरी साल होगा। 1 जनवरी, 2024 से ये पहलवान इन आयु समूहों में भाग लेने के योग्य नहीं होंगे।”
(सोर्स : बीबीसी न्यूज हिन्दी)