जिले की समृद्ध किसान जसकौर मीना ने किसानों को जैविक खेती करने और कृषि जरूरतों को पूरा करने के लिये कृषि ऋण लेने तथा उसका ईमानदारी से चुकारा करने के लिये प्रेरित किया है। उन्होंने किसानों को फसल को और बेहतर ढंग से कृषि तकनीकों के माध्यम से उत्पादित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद् को छोड़कर जैविक खाद के उपयोग से बेहतर उत्पादन किया जा सकता है और वह स्वयं के खेतों में ऐसा की कर रही हैं। उन्होंने बताया कि बैंकों से ऋण प्राप्त कर कृषि क्षेत्र में उन्होंने स्वयं को समृद्ध किसान बनाया है। यदि किसान उनकी राह पर चलकर सरकारी कृषि योजनाओं का लाभ लेते हुए बैंकों से ऋण प्राप्त कर कृषि कार्य पूर्णनिष्ठा के साथ करें तो उनकी तरक्की निश्चित है।
जसकौर मीना ने शबरी डेयरी एवं कृषि फार्म ग्राम अजनोटी/मैनपुरा में शुक्रवार को जिले में उत्पन्न फल-सब्जी एवं अन्य वस्तुओं के निर्यात संबंधी जानकारी प्रदान करने वाली निर्यात बन्धु सेमीनार को सम्बोधित करते हुए उक्त विचार व्यक्त किए।
इस सेमीनार में जिला कलेक्टर के.सी. वर्मा ने कृषकों को आपसी जमीनी विवादों में ना फंसकर सहकारिता की भावना से खेती करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि किसान अपने पारिवारिक जमीनी बंटवारों के विवादों के चलते प्रशासन और न्यायालयों के चक्कर लगाते हैं। जिसमें उनकी ऊर्जा और फसल उत्पादन क्षमता तथा धन का अपव्यय होता है। उन्होंने इस अवसर पर किसानों को सलाह दी कि किसानों की जमीन पर जिस फसल का बेहतर उत्पादन हो सकता है। वह उन्हीं फसलों को उत्पादित करने पर केन्द्रित रहें। यदि खेत में आंवला अच्छा पैदा होता है तो आंवला ही उत्पादित किया जाए। किसी अन्य किसान को अमरूद उत्पादन में लाभ कमाते हुए देखकर आंवले को काटकर अमरूद के लालच में न फंसा जाए।
इस अवसर पर संयुक्त महानिदेशक (विदेश व्यापार) वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि कृषक अपनी फसलों का अच्छा मूल्य लेने के लिये निर्यात की ओर आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि किसान बैंकों के सहयोग से ऋण आदि लेकर निर्यात क्षेत्र में आगे बढ़ सकते है तथ कृषि उत्पादों को विश्व बाजार में बेचकर देश को विदेशी मुद्रा कमाकर दे सकते हैं।