जिला एवं सेशन न्यायाधीश सवाई माधोपुर अतुल कुमार सक्सेना ने साढ़े छः वर्ष पुराने हत्या के एक मामले में सहअभियुक्ता मिथलेश कुमारी वर्मा पुत्री हुक्मचंद कण्डेरा निवासी मलारना चौड, जो कि वक्त घटना नाबालिग थी, को धारा 302/34 सपठित धारा 120 बी भा.द.स. के अपराध के लिए 10 वर्ष का कारावास व दस हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। प्रकरण के तथ्यों के अनुसार गत 25 फरवरी, 2016 को भारतीय पुरातत्व संरक्षण विभाग कैम्प रणथम्भौर दुर्ग के सुरेश कुमार ने पुलिस अधीक्षक सवाई माधोपुर को रिपोर्ट पेश की थी कि उनके कार्यालय पर राउन्ड कर्मचारी ने बताया कि बादल महल में एक कमरे में एक लड़के की लाश पड़ी है।
मौके पर उपस्थित कर्मचारी ने मिथलेश कुमारी नामक लड़की को उधर से आते देखा था और पूछताछ पर पता चला कि वह लड़का जिसका नाम सोनू भाडौती का था, उसके साथ आया था और पेशाब करने गया था उसके बाद वापस नहीं आया। इस मामले में पुलिस ने अनुसंधान के बाद दो सहअभियुक्त रामलखन व वीरेन्द्र के विरूद्ध पृथक से आरोप पत्र प्रस्तुत किया था तथा आरोपी मिथलेश के विरूद्ध किशोर न्याय बोर्ड सवाई माधोपुर के समक्ष आरोप पत्र पेश किया गया था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए यह पत्रावली गत 24 नवम्बर 2016 को जिला न्यायालय को भेजी गई थी। इस मामले में अभियोजन की ओर से कुल 33 गवाह पेश किये गये थे जिनमें विवेचन व दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात न्यायाधीश ने अभियुक्ता मिथलेश कुमारी वर्मा को परिस्थितिजन्य साक्ष्य व लास्ट सीन की साक्ष्य का विवेचन करते हुए पाया कि मृतक सोनू व अभियुक्ता मिथलेश एक दिन पहले मिले थे जहां एक जगह रात को रूके थे, फिर सुबह घूमने के लिए रणथम्भौर आए थे। जहां पीर बाबा की दरगाह के गेट के नीचे बैठे थे।
पुलिस ने अनुसंधान में मिथलेश कुमारी वर्मा व सहअभियुक्तगण रामलखन, वीरेन्द्र तथा मृतक के मोबाइल पर एक-दूसरे से हुई बातों की कॉल डिटेल, जो गत 22 फरवरी 2016 से 25 फरवरी 2016 तक की थी जिनकी लोकेशन व डिटेल के आधार पर अभियुक्ता को प्रकरण में हत्या के अपराध व षडयंत्र में शामिल होना मानते हुए 10 वर्ष के कारावास एवं 10 हजार रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया है तथा वर्तमान में अभियुक्त मिथलेश की उम्र 23 वर्ष 10 माह होने के कारण अभियुक्ता को जिला कारागृह भेजा गया।