किसान को उसकी उपज का पूरा मूल्य मिले, इसके लिये जरूरी है कि उसे बेहद कम लागत पर भंडारण सुविधा मिले। जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने इस बाबत निर्देश दिये हैं कि जिले की सभी ग्राम सेवा सहकारिता समितियों, क्रय विक्रय सहकारी समितियों, कृषि उपज मंडी समितियों और किसानों को खाद, बीज, कीटनाशक तथा कृषि उपज के वेयर हाउस सिलोस निर्माण में मिलने वाली सरकारी सहायता, बैंक ऋण प्रक्रिया, आवेदन प्रक्रिया और सब्सिडी की पूरी जानकारी दें। इस बाबत कृषि, उद्यानिकी, सहकारिता, बैंक व अन्य ऐजेंसियों को इस बाबत अभियान चलाने का भी निर्देश दिया है।
जिला कलेक्टर ने इस सम्बंध सोमवार शाम कलेक्ट्रेट में नाबार्ड तथा विभिन्न बैंकों के स्थानीय अधिकारियों की बैठक ली। कलेक्टर ने बताया कि किसानों को भी इस बारे में जागरूक किया जाएगा कि वे अपने क्षेत्र में सहकारी समितियों के माध्यम से वेयरहाउस बनवायें या कुछ किसान मिलकर वेयरहाउस बनवायें। अभी हाल ही में जिला कलेक्टर व नाबार्ड सहायक महाप्रबंधक मक्खनलाल मीणा के प्रयासों से छाण और भूरी पहाड़ी ग्राम सेवा सहकारी समितियों को वेयर हाउस निर्माण निर्माण के लिये क्रमश: 80 लाख रूपये और 1 करोड़ 80 लाख रूपये का ऋण स्वीकृत हुआ है। इस ऋण पर मात्र 1 प्रतिशत वार्षिक ब्याज लगेगा तथा 7 साल में पुनर्भुगतान करना होगा। इससे क्षेत्र के किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा।
जिला कलेक्टर ने नाबार्ड व अन्य बैंक अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसानों को उसकी उपज की ग्रेडिंग व पैकेजिंग करने तथा लघु प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के लिये तकनीकि मदद दें, उनको प्रशिक्षित करवायें तथा इसके लिये ऋण आवेदन तैयार करवायें ताकि किसान को उपज का वाजिब मूल्य मिले, उसकी उपज खराब न हो।
बैठक में लीड बैंक मैनेजर के.एन. शर्मा, कृषि उप निदेशक पी. एल मीणा, जिला उद्योग केन्द्र के सुग्रीव मीणा, केन्द्रीय सहकारी बैंक के ईओ डाॅ. किशन लाल मीणा, जिला परिषद के आर.सी. मथुरिया, कृषि उपज मंडी सवाई माधोपुर के सचिव श्याम सुन्दर गुप्ता, बैंक ऑफ बडौदा की पुष्पा व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।