रेल प्रशासन द्वारा रेलवे में कार्यरत पोईन्टसमैनों की डयूटी 8 से 12 घंटे कर दी गई थी। जिसमें पोईन्टमेनों में काफी आक्रोश बढ़ गया था। इस पर वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने इस मुद्दे को रिजनल लेबर कमीश्नर अजमेर के समक्ष उठाया। रिजनल लेबर कमीश्नर अजमेर के समक्ष 4-5 वार्ता के पश्चात आदेश देते हुए पोईन्टसमैनों के कार्य के घंटे पुनः 8 घंटे करने का फैसला लिया।
यूनियन के मंडल उपाध्यक्ष नरेंद्र जैन ने बताया कि महाप्रबंधक पश्चिम मध्य रेलवे ने 25 सितंबर को तथा मंडल रेल प्रबंधक कोटा मंडल ने 30 सितंबर को आदेश जारी किये कि पोईन्टसमैनों के कार्य के घंटे 8 घंटे से 12 घंटे किये गये थे। इस आदेश पर वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन ने पत्रों के माध्यम से विरोध दर्ज किया तथा मंडल पर कार्यरत सभी पोईन्टसमैनों ने मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन भी किया। महामंत्री मुकेश गालव ने रिजनल लेबर कमीशनर अजमेर के समक्ष पोईन्टसमैनों का मुद्दा उठाया तथा आरएलसी ने यूनियन की मांग को जायज मानते हुये यूनियन के पक्ष में फैसला सुनाया तथा रेल प्रशासन के आदेशों को रद्द करते हुये सभी पोईन्टमैनों को इस बीच की अवधि के ओवर टाईम का भुगतान करने के भी आदेश दिये। यूनियन के पदाधिकारी हरिप्रसाद मीणा, शशि शर्मा, आरती मंगल, भरोसी सैनी, संपत राम गुर्जर, श्याम लाल गुर्जर आदि ने बताया कि यह सब रेलकर्मचारियों की एकता की जीत है।