रणथम्भौर अभ्यारण्य के अंतर्गत विस्थापित किये जाने वाला गाँव है हिंदवाड, गांव वालों ने लगाया इलज़ाम, कहा उन्हें सिर्फ़ मकानों का पैकेज मिला है। खेती की ज़मीन का नहीं, खेती की ज़मीन की खातेदारी गाँव वालों के नाम है, फिर भी वन विभाग खेतों पर कब्ज़ा करने क्यों आया? आखिर वन विभाग खड़ी फसलों को क्यों नष्ट करने की सोच रहा है? दुमोदा के पटवारी ने इस इलज़ाम को बताया बेबुनियाद, कहा जिन गांव वालों को पैकेज मिला है हम उनकी ज़मीनों को ही कब्जे में ले रहे हैं।
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