कोरोना महामारी के चलते देश में लगाये गये कई चरणों के लाॅकडाउन से परेशान लोगों के लिए दीपावली का त्यौहार एक उम्मीद बनकर आया है। दीपावली के त्यौहार पर बाजारों में थोड़ी रौनक दिखाई दी। बाजारों में विशेष सजावट एवं रोशनी से बाजार जगमग नजर आये। 13 नवम्बर को धनतेरस पर लोगों ने खूब खरीददारी की। मुख्य रूप से सोने चांदी के आभूषण, सिक्के व अन्य सामान, बर्तन व कपड़े वालों की दुकानों पर खूब भीड़ दिखी। वहीं दुपहिया, चौपहिया वाहनों के शोरूम पर लोग उमड़ते दिखाई दिये। इस बीच बाजारों में खाने पीने की वस्तुओं के साथ ही पूजन सामग्री, सजावट के सामान, लाईटें, इलेक्ट्रॉनिक सामानों की भी लोगों ने खरीददारी की। इस वर्ष लोगों ने चाईनजी लाईटों की अपेक्षा मिट्टी के दीपक अधिक खरीदे।
बाजारों में भीड़ बढ़ने से कोरोना महामारी के बढ़ने की आशंका भी बढ़ गई। बाजारों में कुछ लोग मास्क लगाये हुऐ तो कुछ बिना मास्क लगाये ही घुम रहे थे। बाजारों में भीड़ बढ़ने से सोशल डिस्टेंसिंग कहीं दिखाई नहीं दी। इस बीच प्रशासन द्वारा कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक करने, मास्क लगाने के लिए समझाईश करते हुए कोई प्रयास नजर नहीं आये। हालांकि सरकार द्वारा पटाखों पर रोक लगाने के कारण बाजारों से पटाखों की दुकाने गायब दिखाई दी। पटाखों की बिक्री नहीं होने से जहाँ पटाखा विक्रेता मायूस नजर आये। वहीं पटाखें नहीं मिलने से बच्चे भी उदास दिखाई दिये। दीपावली पर खाने पीने की वस्तुओं व मिठाईयों में मिलावट की आशंका को देखते हुऐ हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रशासन द्वारा शुद्ध के लिए युद्ध अभियान की खबरे सुनाई दी लेकिन दिखाई नहीं दिये। लेकिन फिर भी आम जन सामान्य को अधिक चमकदार खाद्य वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए क्योंकि ये वस्तुएं मिलावटी हो सकती है जो कि स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव डालती है। मिठाई विक्रेता मिठाई के साथ डिब्बे को भी तोलना प्रशासन आज तक नहीं रूकवा सका है।