घर-घर औषधि योजना की जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आज सोमवार को हुई। बैठक में घर-घर औषधि योजना के क्रियान्वयन के लिए अब तक की गई कार्रवाई एवं प्रगति की समीक्षा की गई। योजना के तहत जिले के प्रत्येक परिवार को आगामी पांच साल में 24 औषधीय पौधे निःशुल्क उपलब्ध करवाएं जाएंगे।
घर घर औषधि योजना में औषधि पौधे जिनमें तुलसी, कालमेध, अश्वगंधा और गिलोय के पौधे तैयार कर वितरण किए जाने है। टास्क फोर्स की बैठक जिला कलेक्टर ने बताया कि प्रत्येक परिवार को आगामी 5 साल में तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा और कालमेघ आदि के कुल 24 पौधे मिलेंगे। इस वर्ष जिले में वितरण के लिए 9 नर्सरियों में 10 लाख 15 हजार पौधे तैयार किए हैं। उन्होंने पौधों के वितरण केन्द्र चिन्हित किए जाने, वितरण के लिए पौधों को वितरण केन्द्र तक पहुंचाने तथा पौधों को सुरक्षित रखने एवं उनके गुणों की जानकारी के संबंध में किए गए प्रयासों की समीक्षा की। पौधों का वितरण जुलाई एवं अक्टूबर माह में दो चरणों में किया जाएगा। कलेक्टर ने बताया कि वन महोत्सव की थीम घर-घर औषधीय पौधा वितरण ही रहेगी। बैठक में कलेक्टर ने आजमन का जुड़ाव बढ़ाने तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधों के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए लोगों की भागीदारी बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने डीएफओ को निर्देश दिये कि वितरण के समय इन पौधों के रखरखाव के टिप्स भी लोगों को दें तथा अच्छी गुणवत्ता के पौधों का वितरण सुनिश्चित करें। डीएफओं ने बताया कि ग्राम वार वितरण के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। पौधों का वितरण वार्ड पंच, एनजीओ तथा ग्रामीणों की अधिकतम भागीदारी के साथ किया जाएगा।
बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि औषधि पौधे देने के पश्चात उनकी सार संभाल के लिये लोगों को जागरूक करे और उनके फायदे के बारे मे लोगों को अधिक से अधिक बताये कि यह अच्छा मौका है। उन्होंने राजकीय विभागों के कार्मिकों व अन्य जो प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से योजना से जुड़े उन्हे पौधे वितरण कर लगवाने एवं सार संभाल के लिये जागरूक करने के निर्देश दिए। सामाजिक वानिकी के डीएफओ जयराम पांडे ने बताया कि पौधे जिले की नौ पौधशालाओं में तैयार किया जा रहा है, योजना से राजस्थान मे पाई जाने वाली वन औषधि पौधों को संरक्षण भी होगा। बैठक में कलेक्टर ने ग्राम स्तर पर कार्यशाला में लोगों को जानकारी देने, पौध वितरण केन्द्र पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने, जन प्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, राजकीय कार्मिकों और आमजन को जोड़ते हुए इसे जन अभियान बनाने के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि पौधो से पर्यावरण संरक्षण तो होता ही, साथ ही ये ऑक्सीजन के प्रचुर दाता हो। पौधे लगाने के साथ ही उनके संरक्षण एवं सार संभाल की जिम्मेदारी भी ली जाए।