सवाई माधोपुर पंचायत समिति की रांवल ग्राम पंचायत के 208 परिवारों के लिए आज सोमवार का दिन ऐतिहासिक बन गया। वे जो सपना कई सालों से देख रहे थे, सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटते -काटते यह सपना घूमिल सा होने लगा था, लेकिन यह सपना अब साकार हो गया है। इन 208 परिवारों को सोमवार को ग्राम पंचायत में आयोजित प्रशासन गांवों के संग अभियान शिविर में शिविर प्रभारी ने उनके मकानों के पट्टे सौंपें।
इन सभी परिवारों ने पट्टा मिलने पर खुशी जताई तथा बताया कि पट्टे के अभाव में उनको कई सरकारी सुविधाऐ नहीं मिल रही थी, मकान में अतिरिक्त निर्माण के लिये होम लोन भी नहीं मिल पा रहा था , अब पट्टे मिलने से उन्हें सन्तुष्टि मिली है कि मकान के स्वामित्व का पुख्ता दस्तावेज भी उनके पास है। इन सभी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कलेक्टर राजेन्द्र किशन और एसडीएम का आभार प्रकट करते हुये कहा कि ‘‘आज हमारा काम हुआ हम बहुत खुश हैं।
केशन्ता को मिला राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना में 2 लाख रुपए की सहायता
हिगोंटिया निवासी केशन्ता के पति हरसहाय की गत 2 अक्टूबर को खेत में सरसों की बुबाई करते समय बड़ी मधुमक्खी के हमले में मृत्यु हो गई थी। इससे केशन्ता पर मुसीबतों का पहाड टूट पड़ा, परिवार में और कोई कमाने वाला न होने के कारण आर्थिक संकट भी सामने आया। कृछ दिनों पहले उसे किसी ने बताया कि राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना में किसानी का कार्य करते समय मृत्यु पर राज्य सरकार 2 लाख रू की आर्थिक सहायता मृतक के आश्रित को देती है और 22 नवम्बर को प्रशासन गांवों के संग अभियान का शिविर बिदरख्या में लगेगा और ऐसे कैम्पों में तत्काल काम हो रहे हैं।
इस पर केशन्ता सोमवार को शिविर में उपस्थित हुई तथा शिविर प्रभारी को विस्तार से सारा प्रकरण समझाया। इस पर एसडीएम ने आवेदन की जांच कृषि उपज मण्डी समिति, गंगापुर सिटी के सचिव से करवाई तथा जांच में प्रकरण सही पाए जाने पर तत्काल 2 लाख रूपए की सहायता राशि स्वीकृत करवाई। इसके बाद केशन्ता को मौके पर ही राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना में 2 लाख रुपए का चैक सौंपा गया। चैक पाकर केशन्ता ने बताया मुझे इस राशि से आर्थिक सम्बल मिला है, विधवा पेंशन से भी थोडा सहारा मिलेगा। मैं राज्य सरकार की आभारी हूं, जो मुसीबत के वक्त मेरे काम आई।
पत्तो मीना को मिलेगी परित्यक्ता पेंशन
उदेई खुर्द निवासी पत्तो मीना पुत्री जगन मीना की शादी रत्ती मीना निवासी डांकीपुरा (सपोटरा) से हुई थी। किसी बात को लेकर दोनों में कहासुनी हो गई और पत्तों को 25 वर्ष पहले इसके पति ने छोड़ दिया, तब से यह अपने पीहर में रह रही है। इसे पता नहीं था कि राज्य सरकार परित्यक्ता महिला को पेंशन समेत अन्य लाभ देती है ताकि उसका गुजारा चल सके। किसी जानकार आदमी ने पत्तो को उदेई खुर्द में सोमवार को आयोजित कैम्प में जाने की सलाह दी ताकि कोई न कोई सहायता मंजूर हो जाये।
उसने शिविर में उपस्थित होकर एसडीएम को समस्या बताई तथा किसी भी योजना में लाभ दिलाने का निवेदन किया। इस पर एसडीएम ने आश्चर्य जताते हुये कहा कि आप पेंशन की हकदार हैं। एसडीएम ने प्रकरण की जांच करवाई तथा मामला सही पाये जाने पर समाज कल्याण विभाग के अधिकारी से परित्यक्ता पेंशन का आवेदन ई-मित्र से ऑनलाइन करवाकर मौके पर ही पेंशन स्वीकृति जारी करवाई। इस पर पत्तों मीना ने कहा कि इस पेंशन के पैसों से उसको काफी सहारा मिलेगा, आज मेरा काम हुआ, मैं बहुत खुश हूं।