Friday , 23 May 2025
Breaking News

एक शाम उत्तराखंड के नाम वर्चुअल कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन

अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति के प्रतिष्ठित वैश्विक फेसबुक पटल पर “एक शाम उत्तराखंड के नाम” कार्यक्रम का सवाई माधोपुर से वर्चुअल आयोजन हुआ। कार्यक्रम में सभी ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दीं। प्रज्ञान पुरुष पंडित सुरेश नीरव की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में श्रीनगर गढ़वाल से आरती रावत पुंडीर, कुमाऊं से डॉ. दमयंती शर्मा, हरिद्वार से नीरज नैथानी, श्रीनगर गढ़वाल से विमल बहुगुणा, गाजियाबाद से प्रज्ञान पुरुष पण्डित सुरेश नीरव और सवाई माधोपुर से डॉ. मधु मुकुल चतुर्वेदी ने शानदार प्रस्तुतियां दीं। कवि सम्मेलन का संचालन डॉ. मधुमुकुल चतुर्वेदी ने किया। डॉ. मधुमुकुल चतुर्वेदी द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना के साथ कवि सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। गत मंगलवार की शाम को इस कवि सम्मेलन को हजारों लोगों ने देश और विदेश से अंत तक रुचि पूर्वक सुना और आनंद लिया।

 

आरती रावत पुंडीर ने अपनी रचना की प्रस्तुत:-

 

गोमुख से विहार करती निकल पड़ी हरिद्वार को मैं
बिछड़ के मां के आंचल से कितना तरसी हूॅं प्यार को मैं।

 

 

नीरज नैथानी ने अपनी रचना की प्रस्तुत

 

कहने को हम पाती हैं, पर गिनती में ना आती हैं।

सिर्फ दंश के किस्से हैं, हर शूल हमारे हिस्से हैं।

झोंकों ने तनिक हिला दिया, तन को जरा सहला दिया।
हम मस्ती में आ जाती हैं, हम इतने पर इतराती हैं।
कहने को हम पाती हैं, पर गिनती में ना आती हैं।

 

One evening in the name of Uttarakhand program was organized

 

डॉ. दमयंती शर्मा ने एक सुंदर कुमाऊनी लोक गीत किया प्रस्तुत

 

उत्तरैणी कौतिक लागिरौ, सरयूका बगड़ मा….
तू लै ऐली, मै लै औंला, बागनाथ मंदिर में जौंला…
म्यरी सरूली…. म्यरा दीवाना….

 

डॉ. मधु मुकुल चतुर्वेदी ने सुप्रसिद्ध कवि एवं साहित्यकार डॉ. हरिवंश राय बच्चन की पुण्यतिथि पर उन्हीं की पंक्तियों से उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा

 

“मैंने गाकर दुख अपनाए, कभी न मेरे मन को भाया,

जब दुख मेरे ऊपर आया, मेरा दुख अपने ऊपर ले, कोई मुझे बचाए,

मैंने गाकर दुख अपनाए।”

 

कार्यक्रम अध्यक्ष प्रज्ञान पुरुष पंडित सुरेश नीरव ने गजल
खुशबुओं के उपनिषद पहाड़ पढ़ें

 

दिव्य देवदार वेद बांचने लगे
सूरज के गांव में यज्ञ हो रहा
किरण बटुक बादलों से झांकने लगे।

देवों के तपोबल का अनुपम ध्वजवाहक है
हिमराज हिमालय तो शुभ लाभ प्रदायक है।
यहां पेड़ की बांहों में लिपटे रहते बादल
बल खाती हवाओं का चेहरा मनभावक है।
श्विमल बहुगुणा ने अपनी रचना
तरसयुं सरैल दीदा खुदयूं च प्राण
नाचण को ज्यूँ बोन्नु च लगेदे मंडाण
लगेद मंडाण गूंजे दे ब्रह्मनाद
चार दिना कि चांदना फिर अंधेरी रात।

About Vikalp Times Desk

Check Also

Gravel Mining Chauth Ka Barwara Police Sawai Madhopur News 22 May 25

अ*वैध बजरी से भरे हुए एक ट्रैक्टर-ट्रॉली को किया जब्त

अ*वैध बजरी से भरे हुए एक ट्रैक्टर-ट्रॉली को किया जब्त     सवाई माधोपुर: चौथ …

14 vehicles fined in Ranthambore National Park

रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में 14 वाहनों पर जुर्माना

सवाई माधोपुर: सवाई माधोपुर जिले में स्थित रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में वन संरक्षण नियमों की …

Gravel Mining Chauth ka barwara police news sawai madhopur 21 May 25

अ*वैध बजरी खनन और परिवहन मामले में एक को धरा

अ*वैध बजरी खनन और परिवहन मामले में एक को धरा     सवाई माधोपुर: चौथ …

DST Gangapur City Chauth Ka Barwara Police News Sawai Madhopur 21 May 25

दो हजार के इनामी आरोपी को किया गिर*फ्तार

दो हजार के इनामी आरोपी को किया गिर*फ्तार     सवाई माधोपुर: डीएसटी गंगापुर सिटी …

Dr. Madhu Mukul Chaturvedi awarded with Raja Ram Mohan Roy Social Service Award

डॉ. मधु मुकुल चतुर्वेदी को राजा राम मोहन रॉय सामाजिक सेवा सम्मान

सवाई माधोपुर: वरिष्ठ भाजपा नेता, सेवा निवृत्त प्रोफेसर, साहित्यकार, समाजसेवी, पर्यावरणविद तथा राष्ट्रवादी विचारक डॉ. …

error: Content is protected !! Contact Vikalp Times Team !