Wednesday , 16 April 2025
Breaking News

आस्था का केंद्र बिजासन (विजयासन) माता मंदिर, चौथ का बरवाड़ा

चौथ का बरवाड़ा के दक्षिणी छोर पर राय सागर तालाब के पास एक छोटी सी टेकरी पर विराज मान है स्वयं भू – माता बिजासन देवी। साथ ही मंदिर परिसर में ही बाबा भैरव नाथ का स्थान भी है।
अनेन्द्र सिंह आमेरा ने बताया कि शुरू से ही लोगों के मन में मां विजयासन धाम की उत्पत्ति, प्राकट्य, मंदिर निर्माण को लेकर उत्सुकता रही है। लेकिन अभी तक इसके कोई भी ठोस साक्ष्य और प्रमाण नहीं मिल पाए हैं। लोकमान्यता के अनुसार जब रक्तबीज नामक देत्य से त्रस्त होकर जब देवता देवी की शरण में पहुंचे, तो देवी ने विकराल रूप धारण कर लिया और रक्तबीज का संहार कर उस पर विजय पाई। मां भगवती की इस विजय पर देवताओं ने जो आसन दिया, वही विजयासन धाम के नाम से विख्यात हुआ।

 

माता का यह रूप विजयासन देवी कहलाया। पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही किवदंती के अनुसार आज से सैंकड़ों वर्ष पूर्व बंजारों द्वारा उनकी मनोकामना पूर्ण होने पर इस मंदिर का निर्माण किया गया था। मंदिर निर्माण और प्रतिमा मिलने की इस कथा के अनुसार पशुओं का व्यापार करने वाले बंजारे इस स्थान पर विश्राम और चारे के लिए रूके। अचानक ही उनके पशु अदृश्य हो गए। इस तरह बंजारे पशुओं को ढूंडने के लिए निकले, तो उनमें से एक बुजुर्ग बंजारे को एक बालिका मिली। बालिका के पूछने पर उसने सारी बात कही।

 

Center of Faith Bijasan (Vijayasan) Mata Temple, Chauth ka barwara Sawai Madhopur

 

तब बालिका ने कहा की आप यहां देवी के स्थान पर पूजा-अर्चना कर अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकते हैं। बंजारे ने कहा कि हमें नहीं पता है कि मां भगवती का स्थान कहां है। तब बालिका ने संकेत स्थान पर एक पत्थर फेंका। जिस स्थान पर पत्थर फेंका वहां मां भगवती के दर्शन हुए। उन्होंने मां भगवती की पूजा-अर्चना की। कुछ ही क्षण बाद उनके खोए पशु मिल गए। मन्नत पूरी होने पर बंजारों ने चबूतरे पर देवी प्रतिमा की स्थापना की। यह घटना बंजारों द्वारा बताए जाने पर लोगों का आना शुरू हो गया और वे भी अपनी मन्नत लेकर आने लगे। धीरे – धीरे इस मंदिर में योगी और तांत्रिकों ने योग साधना का मुख्य केंद्र बना लिया। हिंसक जानवरों, योग-योगिनियों का स्थान होने से कुछ लोग यहां पर आने में संकोच करने लगे, तब नाथ सम्प्रदाय के एक योगी ने समीप ही एक ऊंची टेकरी (छोटी पहाड़ी) पर मंदिर के समीप ही एक धूणे की स्थापना की।

 

और इस स्थान को चैतन्य किया है। तथा धूणे में एक अभिमंत्रित चिमटा, जिसे तंत्र शक्ति से अभिमंत्रित कर तली में स्थापित किया गया। कालांतर में इस स्थान को ग्वालिपाव महाराज के आसन के नाम से जाना जाने लगा। इस मंदिर का वातावरण बड़ा ही शांत है जिस कारण यहां आने वाला व्यक्ति असीम शांति की अनुभूती करता है। अगर कोई श्रद्धालु ध्यान और योगा में रूची रखता है तो यह बेहतर स्थल है। यहाँ समीप ही लोक देवता बाबा देलवार का स्थान है। साथ ही हनुमान का चबूतरा और प्राचीन शिव लिंग स्थापित है। श्री चौथ माताजी ट्रस्ट की तर्ज पर यहाँ भी ट्रस्ट बना कर मंदिर क्षेत्र का विकास किया जा सकता है। क्षेत्र के भामाशाहों, धार्मिक संगठनों को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

About Vikalp Times Desk

Check Also

BJP and government Bamanwas MLA Indira Meena News 16 April 25

भाजपा और सरकार मुझे म*रवाना चाहती है: बामनवास विधायक इंदिरा मीणा

भाजपा और सरकार मुझे म*रवाना चाहती है: बामनवास विधायक इंदिरा मीणा     सवाई माधोपुर: …

crocodile man water buffaloes banas river sawai madhopur news 16 April 25

भैंसों को नदी में पानी पिलाने गए व्यक्ति पर मगरमच्छ ने किया ह*मला

भैंसों को नदी में पानी पिलाने गए व्यक्ति पर मगरमच्छ ने किया ह*मला     …

Youth Chauth Ka Barwara police news 16 April 25

खेत में मिला युवक का श*व

खेत में मिला युवक का श*व     सवाई माधोपुर: पांवाडेरा मार्ग स्थित खेत में …

Bamanwas Congress MLA Indira Meena Sawai Madhopur News 16 April 2025

बामनवास विधायक इंदिरा मीणा के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

सवाई माधोपुर: विगत दिनों बामनवास विधायक इंदिरा मीणा एवं उनके साथियों द्वारा भाजपा मंडल अध्यक्ष …

Mantown police sawai madhopru news 15 April 25

सायबर ठ*गी के दो बालकों को किया निरूद्ध

सायबर ठ*गी के दो बालकों को किया निरूद्ध       सवाई माधोपुर: मानटाउन थाना …

error: Content is protected !! Contact Vikalp Times Team !