राजस्थान समग्र जैन युवा परिषद् के एक प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन के नेतृत्व मे राजस्थान प्रदेश में अल्पसंख्यक वर्ग के जैन समुदाय की संस्कृती, धार्मिक सम्पत्तियों की सुरक्षा, संरक्षण तथा जैन आचार्यों व संतों की सुरक्षा एवं चर्या के संरक्षण के लिए “श्रमण संस्कृति बोर्ड का गठन करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा कैबिनेट और राज्यमंत्री अल्पसंख्यक मामलात विभाग व अध्यक्ष राजस्थान राज्य अल्पसंख्यक आयोग के नाम नायब तहसीलदार ओमप्रकाश जोनवाल को ज्ञापन सौंपा l इस अवसर पर परिषद् अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन ने बताया कि समूचे देश एवं प्रदेश में अतिप्राचीन धार्मिक धरोहरों एवं तीर्थ स्थलों को विनष्ट करने के कुप्रयास निरन्तर हो रहे है।
जैन धर्म की धरोहरों पर अनैतिक एवं अवैध तरीके से अवैध कब्जे अतिक्रमण हो रहे है एवं जैन धर्म के अस्तित्व को नकारने के प्रयास किए जा रहे हैं और उनकी मान्यताओं और आस्थाओं का उपहास उड़ाया जाता है, इतना ही नहीं जैन श्रमण संस्कृति पर निरन्तर कुठाराघात हो रहे है। जैन आचार्यों-संतों एवं साध्वियों और श्रावक-श्राविकाओं पर विभिन्न संगठनों द्वारा आए दिन उपसर्ग व तंग किए जा रहे हैं। इस अवसर पर ऑल इंडिया जैन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं मिडिया प्रभारी माणकमल भण्डारी ने बताया कि श्रमण संस्कृति अज्ञान, अंधविश्वास और अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैलाने वाली संस्कृति है, आज वैज्ञानिक कसौटी पर खरी उतरती इसकी परम्पराओं, मान्यताओं और आस्था को जन-जन तक पहुंचाने और उसको अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए श्रमण संस्कृति बोर्ड का गठन करने की महती आवश्यकता है। इस अवसर पर सुनील जैन, विनोद जैन, मुकेश जैन, आशु जैन आदि कई लोग उपस्थित थे l