एक तरफ तो राज्य सरकार शिक्षा के स्तर में सुधार करने के लिए कई प्रयास कर रही है। वहीं दूसरी ओर कई स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त होने से विद्यार्थियों की पढाई बाधित हो रही है। जिससे सरकारी स्कूलों के परीक्षा परिणाम भी बहुत अधिक प्रभावित हो रहे है। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते हर वर्ष सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम नीजि स्कूलों के परीक्षा परिणाम से कमजोर रहता है। जिसके कारण सरकारी स्कूलों में विध्यार्थियों का नामांकन भी कम होता जा रहा है।
नगरपालिका क्षेत्र के अभिभावकों का कहना है कि पिछले एक साल से राजकीय बालिका महात्मा गांधी उच्च माध्यमिक विद्यालय में एक शारीरिक शिक्षक व राजनीति विज्ञान विषय के शिक्षक का पद रिक्त होने से बालिकाओं की पढ़ाई सहित खेल कूद प्रतियोगिताऐं बाधित हो रही है। प्रधानाचार्य प्रेमलता शर्मा ने बताया कि कई बार शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को रिक्त पदों पर शिक्षक लगाने की लिए लिखित में अवगत करा दिया है लेकिन अभी तक समस्या जस की तस बनी हुई है। अभिभावकों ने रिक्त पदों पर विभागीय अधिकारियों से जल्द रिक्त पदों पर शिक्षक लगाने की मांग की है।