छात्रों व युवाओं की ओर से स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया (एसआईओ) सभी राजनीतिक दलों के सामने एक स्टूडेंट्स मेनिफेस्टो प्रस्तुत कर रही है, ताकि वे अपने संबंधित घोषणा पत्र और एजेंडे में छात्रों और युवाओं की मांगों को सम्मिलित कर सकें।
आज सवाई माधोपुर ज़िला मुख्यालय पर भी घोषणा पत्र का विमोचन किया गया। इस अवसर पर एसआईओ राजस्थान के शिक्षा सचिव अहमद क़ासिम ने घोषणा पत्र के बारे में मीडिया से विस्तृत चर्चा की।
अहमद ने बताया कि घोषणा पत्र में रखी गई सिफारिशों और मांगों को तीन श्रेणियों, क्रमशः शिक्षा सम्बन्धी मांगें, युवा वर्ग सम्बन्धी मांगें और मानवाधिकार के मुद्दे में विभाजित किया गया है।
घोषणा पत्र के युवा वर्ग सम्बन्धी भाग में बेरोज़गारी की निरंतर बढ़ रही दर का हवाला देते हुए, समावेशी उद्यमिता योजनाओं और कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए सिफारिशें की गई हैं। इसमें सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार को भी चिह्नित किया गया है और समयबद्ध और पारदर्शी चयन प्रक्रियाओं को लागू करने की मांग की गई है। सरकारी व सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में सभी रिक्तियों को तुरन्त भरा जाए।
सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों के लिए चयन प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जाए | रंगनाथ मिश्रा आयोग के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र की सेवाओं में आरक्षण दिया जाए।
घोषणा पत्र में मानवाधिकार सम्बन्धी कई मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है और धार्मिक अल्पसंख्यकों और अन्य हाशिए के समुदायों के ख़िलाफ़ हिंसा से निपटने के लिए एक व्यापक कानून बनाने की मांग की गई है। यह उन निर्दोष युवाओं के लिए पुनर्वास योजनाओं की शुरुआत करने का भी आह्वान करता है जिन पर आतंकवाद के मामलों में ग़लत आरोप लगाए गए हैं।
असम में नागरिकों के राष्ट्रीय पंजीकरण (NRC) को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीक़े से चलाया जाए। मानव अधिकारों के संरक्षण के लिए बने संस्थानों को मज़बूत किया जाए। CrPC की धारा 197 को ख़त्म किया जाए। सभी क्षेत्रों में धार्मिक अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ भेदभाव की रोकथाम के लिए क़ानून बनाया जाए।
इस अवसर पर अकबर खान, जनमानस राजस्थान के संस्थापक संपादक ख़ान इक़बाल सहित संगठन के अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।