सवाई माधोपुर: पशुपालन विभाग में पशुधन निरीक्षकों को दुर्भावनावश निलंबन किए जाने का राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ ने वि*रोध किया है। इसके साथ ही दुर्भावना वश जारी निलंबन के आदेश प्रत्याहरित करने की मांग की है। राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ के नेतृत्व में पशु चिकित्सा कर्मचारियों द्वारा मुख्यमंत्री, पशुपालन मंत्री, मुख्य सचिव के नाम अतिरिक्त जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। जिलाध्यक्ष नीरज मीना ने बताया की निदेशालय पशुपालन विभाग द्वारा दुर्भावनावश पशुधन निरीक्षक संवर्ग को लक्षित कर निलम्बित किया जा रहा हैं।
कार्यस्थल पर उपस्थित अथवा 05-10 मिनट विलम्ब होने पर बगैर सुनवाई के निलम्बित किया जा रहा है। जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्त के विपरीत हैं। निलम्बन से कार्मिकों को मानसिक प्रताडना झेलनी पड़ रही हैं एवं सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है। विभाग द्वारा AMS मोबाईल ऐप के माध्यम से दैनिक उपस्थिति दर्ज करने की योजना लागू की गयी थी जो अनुचित व अव्यवहारिक थी। वर्तमान में प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन हैं।
कार्मिकों के माननीय न्यायालय की शरण में जाने की वजह से बदले की भावना से कार्यवाही की जा रही हैं। विभाग की दमनात्मक कार्यवाही से प्रदेश के समस्त कार्मिकों में आक्रोश व्याप्त हैं। विभाग में भय का वातावरण तैयार किया जा रहा हैं। उन्होंने मांग की है कि विगत दिवसों में दुर्भावनावश किये गये समस्त निलम्बन आदेश निरस्त किये जाएं अन्यथा संघ को राज्यव्यापी आं*दोलन का निर्णय लेना पड़ेगा, जिससे विभाग द्वारा संचालित समस्त जनकल्याणकारी योजनाएं प्रभावित होगी तथा पशुधन व पशुपालकों को होने वाली असुविधा की समस्त जिम्मेदारी विभाग की होगी। इस दौरान ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में हनुमान सिंह प्रतिनिधि कर्मचारी महासंघ, जगमोहन महावर, राधारमण उपाध्याय, चंद्रमोहन गौतम, राकेश मीना, नरसी मीना, मुकेश शर्मा, विश्वसिंह मीना, देशराज मीना आदि शामिल थे।