जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया ने मनरेगा तथा वृक्षारोपण अभियान के तहत जिले में 2.42 लाख पौधे रोपकर उनकी देखभाल का लक्ष्य विभिन्न विभागों को दिया था। इसका शुभारम्भ गत 15 जुलाई को प्रत्येक ग्राम पंचायत में न्यूनतम 200 पौधे लगाने का लक्ष्य है। कुछ विभागों द्वारा इस कार्य में लापरवाही करने पर जिला कलेक्टर ने सख्ती के संकेत दिये हैं। उन्होंने गुरूवार को निर्देश दिये कि सम्बंधित विभाग का जिला स्तरीय अधिकारी जल्द से जल्द प्रमाण पत्र दे कि आवंटित पौधे वन विभाग से प्राप्त कर रोप दिये गये हैं। इसके साथ विस्तृत रिपोर्ट पेश करें कि किस स्थान पर किस प्रजाति के कितने पौधे लगाये गये, उनकी देखभाल और सुरक्षा के लिये क्या प्रबंध किये गये, मानसून के बाद इनको पानी देने की क्या व्यवस्था की गई है, आज तक इनमें से कितने पौधे जीवित हैं। जितने पौधे नष्ट हो गये, उतने नये पौधे लगाने के भी निर्देश दिये गये हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर उपखण्ड अधिकारी के नेतृत्व में गठित टीम भौतिक सत्यापन करेगी।
उल्लेखनीय है कि अभियान के तहत जिले में वन विभाग को 1.14 लाख, ग्रामीण विकास विभाग 45800, रणथम्भौर टाइगर प्रोजेक्ट 30250, शिक्षा 20 हजार, जल ग्रहण 10 हजार, पीडब्ल्यूडी और खनिज 5-5 हजार, सिंचाई 3 हजार, राजस्व, पुलिस, राजीविका और उद्यान 2-2 हजार, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, आयुर्वेद, जेवीवीएनएल, जिला उद्योग केन्द्र, रीको 1-1 हजार, पीएचईडी, पशुपालन, प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, सवाई माधोपुर और गंगापुर सिटी नगरपरिषद 5-5 सौ, रोडवेज 200, रूडिप 150 तथा परिवहन विभाग को 100 पौधे लगाकर देखभाल का लक्ष्य दिया गया था। वन विभाग के अतिरिक्त अन्य विभागों को कुल 1.28 लाख पौधे लगाने थे लेकिन अभी तक इन्होंने केवल 70 हजार पौधों का ही वन विभाग से उठाव किया है। इसके लिए कलेक्टर ने सूचना एकत्र कर सत्यापन करवाने के संबंध में निर्देश दिए। साथ ही दिए गए निर्देशों की पालना कडाई से करवाने की बात कही।