कृषि संकाय में छात्राओं के प्रवेश शुरू
स्थानीय राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गंगापुर सिटी में कृषि संकाय 11वीं मे नवीन बालिकाओं को प्रवेश अभिभावकों की मांग पर आरंभ कर दिया गया है।
प्रधानाचार्य ने बताया कि कृषि संकाय में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को छात्रवृत्ति के अलावा राजस्थान सरकार के कृषि विभाग की ओर से बालिका प्रोत्साहन राशि 5000 तथा माडा योजना के अंतर्गत चयनित बालिकाओं को 8500 रुपए की राशि का प्रावधान सभी वर्गों की बालिकाओं के लिए किया गया है। जिससे कृषि क्षेत्र मे रिसर्च कार्य में बालिकाओं को रोजगार के अधिकतम अवसर प्राप्त हो सके। कृषि विभाग इसके लिए प्रयासरत है। विद्यालय में जेट के लिए विशेष कक्षा लगाई जाएंगी। वर्तमान में विद्यालय में बालिकाओं को समुचित कक्षाएं प्रदान करने के साथ कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों से विशेष वार्ताओं के माध्यम से लाभान्वित भी किया जा सकेगा। इस कार्य में सहायक निदेशक कृषि विभाग गंगापुर सिटी के साथ विशेष कार्य योजना भी बनाई जा रही है। छात्राएं 20 सितम्बर से पूर्व प्रवेश फार्म प्राप्त कर सकती हैं।
निजीकरण से रेल उद्योग हो जाएगा तबाह
भारतीय रेल के निजीकरण के खिलाफ ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन वेस्ट सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन के आह्वान पर बुधवार को भी रेलवे के कई विभागों में यूनियन कार्यकर्ताओं ने द्वार सभाओं का आयोजन किया।
बुधवार को मलारना स्टेशन पर यातायात शाखा के सचिव हरिप्रसाद मीणा एवं इंजीनियरिंग शाखा के अध्यक्ष हरकेश मीणा के नेतृत्व में कर्मचारियों ने केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में प्रदर्शन किया तथा आम सभा का आयोजन किया गया। इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग, कैरिज विभाग में भी द्वार सभाओं का आयोजन किया गया। इस दौरान रेल कर्मचारियों ने केंद्र सरकार द्वारा रेलवे उद्योग का निजीकरण करने के विरोध मे जमकर नारेबाजी की।
इस अवसर पर रेल कर्मचारियों को संबोधित करते हुए यूनियन के मंडल उपाध्यक्ष नरेंद्र जैन, यातायात शाखा के सचिव हरिप्रसाद मीणा, हरकेश मीणा, शरीफ मोहम्मद ने कहा कि आजादी के बाद भारतीय रेल का गठन आम जनता के लिए सस्ता एवं सुगम साधन उपलब्ध करवाने के लिए किया गया था। इसके साथ ही भारतीय रेल युवाओं के लिए सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध करने वाला उद्योग भी है। इसके निर्माण में रेल कर्मियों का खून पसीना तो है ही साथ-साथ आम जनता की द्वारा दिया गया टैक्स भी है। जिसके कारण आज भारतीय रेल के अंदर ढाई करोड़ से ज्यादा यात्री प्रतिदिन यात्रा करते हैं। आमजन के लिए भारतीय रेल जीवन रेखा के समान है। इसका यदि निजीकरण कर दिया गया तो यह देश भी बर्बाद हो जाएगा और यहां के युवाओं को रोजगार के अवसर देने वाला सबसे बड़ा उद्योग भी तबाह हो जाएगा। सरकार को अपने निर्णय पर पुनःविचार करना चाहिए। इस अवसर पर यूनियन के पदाधिकारी विकास चतुर्वेदी, महेश चंद्र सेन, डीके गुर्जर, उदय सिंह गुर्जर, हरिमोहन गुर्जर, रामकेश मीणा सहित दर्जनों रेल कर्मी उपस्थित थे।