अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ के प्रदेशव्यापी आह्वान पर आंदोलन के चरणों के तहत 29 एवं 30 नवम्बर के चेतावनी प्रदर्शन के बाद 1 दिसम्बर से 3 दिसम्बर के प्रदेश के सभी उपखंड अधिकारी कार्यालय पर धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया गया। धरना देने वालों में ग्राम विकास अधिकारी संघ, शिक्षक संघ, पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ, कृषि पर्यवेक्षक संघ एवं अन्य विभाग संगठन शामिल रहे।
कर्मचारियों ने प्रशासन शहरों के संग गांवों के संग अभियान का बहिष्कार किया। प्रदेश अध्यक्ष आईदान सिंह कविया, प्रदेश महामंत्री तेजसिंह राठौड़ और प्रदेश संघर्ष संयोजक महावीर शर्मा ने अवगत कराया है कि राज्य सरकार द्वारा विगत 3 वर्षों से हमारे 15 सूत्री मांग पत्र पर किसी भी प्रकार की कोई द्विपक्षीय वार्ता सरकार द्वारा नहीं की गई है जिससे प्रदेश के सभी कर्मचारी में भारी आक्रोश है।
सरकार द्वारा सामंत कमेटी की सिफारिशों को आज दिन तक सार्वजानिक नहीं किया गया है एवं वेतन कटौती की अधिसूचना को वापस भी नहीं लिया है। सरकार द्वारा सभी कर्मचारियों को सेवाकाल में पांच पदोन्नति के अवसर उपलब्ध करवाने कोरोना महामारी में शहीद हुए कर्मचारियों को 50 लाख की अनुग्रह सहायता स्वीकृत करवाने सहित 15 सूत्री मांगों को लेकर प्रदेश के सभी कर्मचारी आंदोलनरत हैं।
राजस्थान सरकार द्वारा 15 सूत्री मांगों पर यदि सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। इस अवसर पर बृज किशोर शर्मा (सम्भाग मंत्री) भरतपुर राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ साथ पंचायत समिति बामनवास के अधिकांश ग्राम विकास अधिकारी उपस्थित रहे।