जिला कलेक्टर ने कोरोना से रिकवर हो चुके सभी मरीजों से प्लाज्मा डोनेट करने की अपील की है। उन्होंने सीएमएचओ को ऐसे मरीजों से सम्पर्क कर समझाइश कर सहमति लेने तथा प्लाजमा डोनेट करवाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग ने भी इस सम्बंध में व्यापक जागरूकता अभियान प्रारम्भ किया है।
कोरोना से रिकवर हो चुके व्यक्ति में कोरोना का एंटीबाॅडी विकसित हो चुका है। उनका प्लाजमा कोरोना रोगी के ब्लड में जाने पर कोरोना रोगी में भी एंटीबाॅडी विकसित होना शुरू हो जाते हैं। राज्य में इस तकनीक को अभी तक शत-प्रतिशत सफलता मिली है। उन्होंने बताया कि गंभीर मरीजों के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी के माध्यम से किया जा रहा है। इसके तहत कोरोना संक्रमण से स्वस्थ हो चुके ऐसे लोग जिनकी अंतिम रिपोर्ट नेगटिव आए 14 दिन पूरे हो चुके हैं, वे अपना प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं। डोनर 18 से 60 साल आयुवर्ग का हो।
उन्होंने कहा कि इस बड़े स्वास्थ्य संकट के समय जब तक इस बीमारी से बचने का कोई पुख्ता इलाज सामने नहीं आ जाता, प्लाज्मा थेरेपी गंभीर रोगियों का जीवन बचाने में अहम होगी। ऐसे में स्वस्थ हो चुके मरीज इस परोपकार के इस काम में अधिक से अधिक जुड़े और अपना प्लाज्मा डोनेट करें और लोगों के जीवन बचाने में अहम भूमिका निभाएं। जयपुर और कोटा में प्लाजमा बैंक स्थापित किये गये हैं। जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर और बीकानेर के राजकीय अस्पतालों में प्लाज्मा तकनीक से उपचार की सुविधा है।