विवेकानन्द ग्लोबल विश्वविद्यालय का सातवां दीक्षान्त समारोह हुआ संपन्न
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने युवा पीढ़ी का आह्वान किया है कि वे नौकरी देने वाले बने, नौकरी मांगने वाले नहीं बने। उन्होंने कहा कि सभी मिल जुलकर विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करें। स्वयं का विश्लेषण करे और राष्ट्र के विकास में भागीदार बने। विधानसभा अध्यक्ष देवनानी गत शुक्रवार को जगतपुरा स्थित विवेकानंद ग्लोबल विश्वविद्यालय के 7वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। देवनानी ने विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों के छात्र-छात्राओं को उपाधियां और मेडल प्रदान किये। देवनानी ने दीप प्रज्ज्ज्वलित कर दीक्षान्त समारोह का शुभारम्भ किया। देवनानी ने कहा कि युवा पीढ़ी को स्वरोजगार शुरू करने की सोच बनानी होगी। उन्होंने युवाओं का आहवान किया कि वे देश की अर्थव्यवस्था में भागीदार बने।
आज स्वामी विवेकानंद की जयंती है और इस दिन विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह का आयोजन सराहनीय पहल है। उन्होंने कहा स्वामी विवेकानंद युवाओं के आदर्श है। युवा पीढ़ी को स्वामी विवेकानंद की जीवनी को पढ़ना चाहिए, ताकि उससे नित्य ऊर्जा का संचार हो सके। देवनानी ने कहा की सदाचार बने। संवेदनशील बने। श्रेष्ठ भारतीय बने और भारतीय संस्कृति के वाहक बने। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को पाठ्यक्रमों को अद्धतन करना चाहिए, ताकि युवाओं को नई दिशा मिल सके। उन्होंने पाठयक्रमों को युग और देश अनुकूल बनाये जाने की आवश्यकता प्रतिपादित की। पाठयक्रमों में विकसित भारत की परिकल्पना और भारतीय संस्कृति के समावेश की भी देवनानी ने आवश्यकता जताई। शिक्षा संस्थानों में प्रबंधन, प्राध्यापकों और विद्यार्थियों में आपसी समन्वय होना आवश्यक है। प्रबंधन सुविधा उपलब्ध कराये, अध्यापक ज्ञान से अपडेट रहे और विद्यार्थियों में सीखने की ललक होगी तो समाज और राष्ट्रा के विकास को नई गति मिलेगी। समारोह को डॉ. के. राम, डॉ. ललित के पंवार, डॉ. के. जी. बगारियां और डॉ. विजय वीर सिंह ने संबोधित किया।