राजस्थान में सत्तासीन भजनलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने दौसा जिले के सिकराय विधानसभा क्षेत्र के नांदरी गांव के लोगोंं को भयभीत नहीं होने और गांव में ही रहने की अपील की है। बीते रविवार नांदरी गांव में एक महिला की ह*त्या के बाद हुए विवाद ने उग्र ले लिया था, जिसके बाद पुलिस ने सैंकड़ों लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। नांदरी गांव के लोगों से अपील करते हुए कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपील करते हुए कहा कि, किसी से डरने की जरूरत नही, बिनां संकोच के गांव में ही रहें।
बता दे, मुकदमा दर्ज होने के बाद बड़ी मात्रा में लोग पलायन कर चुके है। गत 2 मई को मेहंदीपुर बालाजी थाना क्षेत्र में हुए एक अग्निकांड मामले को लेकर कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की अध्यक्षता में नांदरी गांव में आयोजित महापंचायत में दर्जनों गांवों के ग्रामीण शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि वो ह*त्यारों के घरों को जलाने वाले ग्रामीणों का बाल भी बांका नहीं होने दूंगा, चाहे इसके लिए उन्हें खुद बलिदान देना पड़े।
मुकदमा दर्ज होने के बाद नांदरी गांव में बड़ी संख्या में किया पलायन
गौरतलब है सिकराय विधानसभा के नांदरी गांव में महिला की ह*त्या के बाद शुरू हुए उपद्रव के बाद दौसा पुलिस में सैकड़ों गांव वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। बताया जा रहा है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद से अब तक नांदरी गांव के अंदर घरों में ताले लगे हुए हैं और बड़ी मात्रा में लोग गांव छोड़कर पलायन कर चुके हैं। दरअसल, महिला की ह*त्या के बाद ग्रामीणों ने ह*त्यारों के घरों को आग के हवाले कर दिया था। पुलिस ने मामले में नांदरी गांव के सैंकड़ों ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद नांदरी गांव के ग्रामीण भयाक्रांत है और घर छोड़कर दूसरी जगह पलायन कर रहे हैं। महापंचायत को संबोधित करने मंत्री किरोड़ी लाल मीणा नांदरी गांव पहुंचे।
दौसा एडिशनल एसपी दिनेश अग्रवाल, मानपुर पुलिस उपाधीक्षक दीपक मीना के थाना प्रभारी गौरव प्रधान से देर रात कृषि मंत्री और ग्रामीणों ने बंद कमरे में वार्ता की। एएसपी ने आश्वस्त किया है कि मामले में पुलिस किसी भी निर्दोष व्यक्ति पर कार्रवाई नहीं करेगी। जरूरत पड़ी तो एसपी, आईजी क्या, सीएम को गांव में बुला दूंगा। ग्रामीणों से चर्चा करते हुए मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि, अगर आवश्यकता हुई तो एसपी और आईजी क्या, मुख्यमंत्री को भी गांव में बुला दूंगा। इस दौरान कृषि मंत्री ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए। ग्रामीणों को आश्वस्त करते हुए उन्होंने कहा कि मामले में जो भी पुलिसकर्मी दोषी होंगे और आचार संहिता के बाद उनका इलाज किया जाएगा। बीती रात आयोजित महापंचायत के बाद कृषि मंत्री ने एडिशनल एसपी दिनेश अग्रवाल को गांव में बुलाकर ग्रामीणों के साथ वार्ता की।
प्रशासन से वार्ता के बाद कृषि मंत्री ने पूरी रात गांव में ही गुजारी। ग्रामीणों को भरोसा दिलाते हुए किरोड़ी लाल मीणा ने आश्वस्त किया कि उनके रहते उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। गत 29 अप्रैल को मेहंदीपुर बालाजी थाना क्षेत्र की महिला के साथ दु*ष्कर्म कर उसकी ह*त्या कर दी गई थी। इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने दुष्कर्म और हत्या*रोपी युवक सहित उसके परिवारजनों के 4 घरों को आग के हवाले कर दिया था। मामले में पुलिस पर निर्दोष लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जबरन मामले में फंसाने का आरोप लगाया था। अगर मैं विपक्ष में होता तो पुलिस को बताता कि रात के समय गांव में घुसकर ग्रामीणों को परेशान करने का नतीजा क्या होता है, लेकिन सत्ता में होने की वजह से मेरी कुछ सीमाएं है।
मंत्री किरोड़ी मीणा ने पुलिस की कार्रवाई पर उठाए सवाल
महापंचायत में पुलिस को कटघरे में खड़ा करते हुए कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि अगर समय रहते पुलिस सचेत हो जाती तो इस घटना को रोक सकती थी। मंत्री ने आगे कहा की ग्रामीणों ने ह*त्यारोपी युवक को पुलिस के हवाले कर दिया था, वरना पुलिस तो अब तक आरोपी को ढूंढ भी नहीं पाती। महापंचायत में ग्रामीणों को समझाते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि आरोपी को सजा देना आम जनता का काम नहीं है, इसलिए कोई भी कानून को अपने हाथ में ना लें। साथ ही आश्वस्त किया कि मामले में जिन पुलिसकर्मियों ने गड़बड़ किया है, आचार संहिता खत्म होने के बाद उनका इलाज करने की जिम्मेदारी मेरी है।
कैबिनेट मंत्री बोले, सत्ता में होने की वजह से मेरी कुछ सीमाएं हैं वरना…
महापंचायत में किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि अगर मैं विपक्ष में होता तो पुलिस को बताता कि रात के समय गांव में घुसकर ग्रामीणों को परेशान करने का नतीजा क्या होता है, लेकिन सत्ता में होने की वजह से मेरी कुछ सीमाएं है। उन्होंने ग्रामीणों से कहा, भयमुक्त होकर गांव में रहें किसी से डरने की जरूरत नहीं है।