जिला कलेक्टर डॉ.एस.पी. सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि “पीएम किसान योजना” के बढ़े दायरे के अनुसार जिले में अधिक से अधिक पात्र किसानों को शामिल करें और उन्हें योजना का लाभ दिलाए। इसके लिए सभी पटवारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, व्यवस्थापक, कृषि पर्यवेक्षक और बैंकर्स आपसी समन्वय से कार्य करें और सभी पात्र किसानों को इस योजना में सम्मिलित किया जाना सुनिश्चित करें।
डॉ. सिंह जिला कलेक्ट्रेट के एनआईसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष में पीएम किसान योजना की प्रगति के संबंध में मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक में हिस्सा ले रहे थे। डॉ. सिंह ने इस योजना में समस्त पात्र किसानों के पंजीकरण को सुनिश्चित करने के लिए सभी पटवारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने और उसमें सभी तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों को उपस्थित रहने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी पात्र किसानों को इस योजना के वृहद् दायरे की जानकारी देने के लिए योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए।
ई-मित्र केन्द्र पर होगा रजिस्ट्रेशन:- जिला कलेक्टर ने कहा कि जिले के किसान इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत होने के लिए अपने नजदीकी ई-मित्र केन्द्र अथवा भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र पर भूमि की जमाबंदी, आधार कार्ड और फोटोयुक्त बैंक पासबुक लेकर जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिले में इस योजना से दो लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे।
2 हैक्टेयर भूमि संबंधी प्रावधान हटा:- इससे पहले मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में अब 2 हैक्टेयर भूमि संबंधी प्रावधान को हटा लिया गया है और अब अधिक से अधिक किसान इस योजना में सम्मिलित हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि अब सिर्फ वे किसान ही इस योजना में शामिल नहीं हो सकेंगे, जो राजकीय सेवा में हैं, आयकर चुकाते हैं अथवा सांसद-विधायक आदि हैं।
प्रदेश के 55 लाख किसान होंगे लाभान्वित:- मुख्य सचिव ने कहा कि पीएम किसान योजना में प्रदेश के 55 लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि अभी तक 38 लाख से अधिक किसानों ने इस योजना के अंतर्गत आवेदन कर दिया है और शेष को जोड़ने की तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने योजना के पंजीकरणों की स्थिति की जिलेवार समीक्षा की।
इस मौके पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर महेन्द्र लोढ़ा, उप पंजीयक मनीराम खींचड़, डिप्टी रजिस्ट्रार सहकारिता रवीन्द्र गोयल और एसीपी (आईटी) प्रदीप कुमार शर्मा उपस्थित थे।