वीर शिरोमणि भोजा बाबा के वार्षिक मेले के उपलक्ष्य में कथा वाचक रामदयाल शास्त्री के पावन सानिध्य में श्रीमद भागवत कथा का आयोजन गुरुवार से कुनकटा कलां स्थित भोजा बाबा के मंदिर में किया जा रहा है। आयोजन से जुड़े मनोज कुनकटा ने बताया कि भागवत कथा के द्वितीय दिवस की शुरुआत भागवत आरती और विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। पूज्य रामदयाल शास्त्री महाराज ने कथा पंडाल में बैठे सभी भक्तों को भजन “ये संतो का प्रेम नगर है यहां संभल कर आना जी” श्रवण कराया। श्रीमद् भागवत कथा में दूसरे दिन श्री शुक जी की कथा, भागवत की अमर कथा, भगवान शिव पार्वती संवाद की कथा सुनाई। कथा का वृतांत सुनाते हुए कहा की श्रीकृष्ण दुखी है की इस कलयुग के व्यक्ति का कल्याण कैसे हो, राधारानी ने पूछा क्या आपने इनके लिए कुछ सोचा है। प्रभु बोले एक उपाय है हमारे वहां से कोई जाए और हमारी कथाओं का गायन कराए और जब ये सुनेंगे तो इनका कल्याण निश्चित हो जाएगा। गोविंद के गीत गाए बिना शांति नहीं मिलेगी। धर्म, संत, मां-बाप और गुरु की सेवा करो। जितना भजन करोगे उतनी ही शांति मिलेगी। संतों का सानिध्य हृदय में भगवान को बसा देता है। क्योंकि कथाएं सुनने से चित्त पिघल जाता है और पिघला चित= ही भगवान को बसा सकता है। यानि की माया का बंधन उनको नहीं चाहिए था। पर आज का मानव तो केवल माया का बंधन ही चारों ओर बांधता फिरता है।
बार-बार इस माया के चक्कर में इस धरती पर अलग-अलग योनियों में जन्म लेता है। तो जब आपके पास भागवत कथा जैसा सरल माध्यम दिया है जो आपको इस जनम मरण के चक्कर से मुक्त कर देगा और नारायण के धाम में सदा के लिए आपको स्थान मिलेगा। तृतीय दिवस पर जड़भरत संवाद, नृसिंह अवतार, वामन अवतार का वृतांत सुनाया जाएगा। मनोज कुनकटा ने बताया कि इस दौरान सुरज्ञान मेड़िया, सरपंच विश्राम भोपा, नत्थू पटेल, मदन मेड़िया, रामकिशन भोपा, भरत लाल बाढ़, पुरण डीलर, बाबूलाल डीलर, पंचायत समिति सदस्य भगवान सिंह गुर्जर, रामहंश बांसरोटा, लडडू पटेल, रामधन पटेल, रामसहाय पटेल, पुन्या पटेल, रामेश्वर नेता, जयसिंह पटेल, धोडयाराम पटेल, रामप्रसाद पटेल, कमलेश पटेल, हरी पटेल, सुग्रीव पटेल, रामजीलाल पटेल, रामोतार मेड़िया, रामलखन गुर्जर, गिर्राज गुर्जर, रामचरण गुर्जर,धर्मसिंह गुर्जर,अखेराम भोपा,धर्मेंद्र बांसरोटा, रेखसिंह बांसरोटा, निहाल बांसरोटा, सुमन सिंह गुर्जर, राजेश खन्ना, रॉकी गुर्जर, सीताराम कुनकटा, धारा गुरुजी, बीएल महात्मा सहित बांसरोटा परिवार के हजारों लोग उपस्थित रहे।