कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा आज मंगलवार को जीनापुर से शुरू हुई। यात्रा के सुबह के सत्र में सूरवाल बाइपास तक हजारों की संख्या में लोग यात्रा में शामिल हुए। स्थानीय लोगों में यात्रा को लेकर ज़बरदस्त उत्साह दिखा। इस दौरान चलते हुए राहुल गांधी ने दो समूहों के साथ बातचीत की। मुस्लिम युवाओं के एक समूह ने राहुल गांधी के समक्ष केंद्र सरकार द्वारा मौलाना आजाद नेशनल फैलोशिप बंद किए जाने सहित कई मुद्दे उठाए। दूसरी बातचीत दलित युवाओं के एक समूह के साथ थी।
इस समूह के युवाओं ने विशेष रुप से भाजपा सरकार द्वारा 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद के दौरान एससी-एसटी समुदाय के लोगों पर दर्ज मुकदमों एवं जमीन से जुड़े मुद्दे उठाए। दोनों समूहों की बातों को गंभीरता से सुनने के बाद राहुल गांधी ने साथ चल रहे प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से राज्य से जुड़े मुद्दों पर मुख्यमंत्री से बात करके कार्रवाई करने को कहा। बातचीत के बाद दोनों समूहों ने बताया कि राहुल गांधी ने ध्यानपूर्वक उनकी बातें सुनी और जो मामले राज्य सरकार के अधीन आते हैं उनपर कार्रवाई का भरोसा दिलाया। सुबह 11 बजे कांग्रेस सांसद एवं पार्टी के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और अन्य नेताओं के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
उन्होंने बताया कि सवाई माधोपुर में जिस तरह से भारत जोड़ो यात्रा का स्वागत हुआ है वैसा बहुत कम राज्यों में हुआ है। सुबह 5:45 से क़रीब 10:00 बजे तक ज़बरदस्त हूजूम यात्रा के स्वागत के लिए आया था। इसमें 60% से ज़्यादा महिलाएं थी। इस दौरान रमेश ने जानकारी दी कि 16 दिसंबर को दोपहर 1:00 बजे दौसा ज़िले में राहुल गांधी प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करेंगे। पहले यह प्रेस कॉन्फ्रेंस 18 दिसंबर को होने वाली थी लेकिन अब 16 तारीख को होगी, क्योंकि इस दिन भारत जोड़ो यात्रा के 100 दिन पूरे होंगे। 16 दिसंबर को ही शाम के 6:30 बजे जयपुर में भारत जोड़ो कंसर्ट का आयोजन किया जाएगा।
इसमें मुख्य गायिका सुनिधि चौहान होंगी। 16 दिसंबर को हिमाचल के सभी कांग्रेस विधायक और वहां के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे। 19 दिसंबर को अलवर में एक विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राहुल के नेतृत्व में बच्चे, वृद्ध, युवा, महिला तथा सभी धर्म एवं जाति के लोग एक साथ भारत जोड़ो यात्रा में चल रहे हैं। यहां कोई भेदभाव नहीं है। यही वह भारत है जिसकी परिकल्पना आज़ादी के दीवानों ने की थी, महात्मा गांधी जी ने की थी। पिछले 8 सालों में नफ़रत का जो माहौल बना है उसने देश को नुक़सान पहुंचाया है। निराशा का माहौल बना। लोगों को लग रहा था कि उनकी कोई सुनने वाला नहीं है।
ऐसे में राहुल गांधी से उम्मीद जगी है। लोगों को लग रहा है कि कोई तो है जो उनकी सुनने निकाल है। कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा ने बताया कि 12 दिसंबर को महिलाएं राहुल गांधी के साथ चलीं। यात्रा के दौरान उन्होंने जिस बारीकी से महिलाओं की समस्याओं, परेशानियों और उनकी बातों को सुना वह दिखाता है कि उनकी नज़र में सब बराबर हैं। वह सबको साथ लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं। भाजपा की जन आक्रोश यात्रा पर चुटकी लेते हुए मीणा ने कहा कि उनकी यात्रा में ‘आक्रोश’ ज़रूर हो सकता है लेकिन ‘जन’ नहीं है। चार पांच लोगों के साथ वो यात्रा निकाल रहे हैं। पूर्व सांसद और मंत्री नमो नारायण मीणा ने कहा कि हर यात्रा का एक मकसद होता है। आज़ादी के पहले गांधी जी ने जो यात्रा की थी उसका अलग मकसद था। भारत जोड़ो यात्रा का उद्देश्य शांति, प्रेम एवं भाईचारे का संदेश देना और आम लोगों से जुड़े मुद्दों को उठाना है। सभी राहुल गांधी को उम्मीद भरी नज़रों से देख रहे हैं। उन्हें लगता है कि यह आदमी झूठ नहीं बोलता।
यही हमारी समस्याओं का समाधान कर सकता है। एक पत्रकार ने जब सवाई माधोपुर में अमरूद के प्रोसेसिंग प्लांट को लेकर सुझाव दिया तो जयराम रमेश ने कहा कि वह अभी ही प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राहुल गांधी से इस बारे में बात करेंगे। राज्य के अमरूद उत्पादन में इस ज़िले का लगभग 65% योगदान इसलिए यहां जरूर एक अमरूद का प्रोसेसिंग प्लांट होना चाहिए। दोपहर में राहुल गांधी ने राजस्थान में दलित समुदाय के विकास एवं कल्याण के लिए काम कर रहे अंबेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी, सेंटर फॉर दलित राइट्स, राजस्थान बाल्मीकि मंच, उड़ान मानव सेवा समिति, आगाज़ फाउंडेशन, राइट्स रिसॉर्स सेंटर, अंबेडकर स्टडी सेंटर – जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधियों एवं इस समुदाय से जुड़े कई अन्य लोगों से बातचीत की। बातचीत के दौरान इन लोगों ने राजस्थान कांग्रेस सरकार द्वारा दलितों के उत्थान के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की और कुछ बेहतर सुझाव दिए।
राहुल गांधी के समक्ष कुछ मांगे भी रखी गई। राहुल गांधी ने उनकी सभी बातें सुनी और साथ बैठे मुख्यमंत्री से राज्य स्तर की जो समस्याएं थी उनके समाधान का अनुरोध किया। राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान को कॉन्स्टिट्यूशन दलितों ने दिया इसे कभी भूलना नहीं चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हिंदुस्तान का जो पावर स्ट्रक्चर है, चाहे वो प्रशासन हो, जुडिशियरी हो या मीडिया हो उनमें एससी, एसटी और ओबीसी की भागीदारी उतनी नहीं है जितनी होनी चाहिए। बाबासाहेब अंबेडकर के दिखाए रास्तों पर चलकर ही इस स्थिति को बदला जा सकता है। यात्रा के शाम के सत्र में भी मुख्य रूप से युवाओं का दो समूह राहुल गांधी के साथ चला। पहला समूह चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एवं अंत्रप्रेनोर का था। दूसरे समूह में आदिवासी समुदाय के युवा थे। शाम में भी यात्रा में स्थानीय लोगों का ज़बरदस्त हुजूम देखने को मिला।