मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देश पर अवैध खनन के खिलाफ 15 जनवरी से चलाये जा रहे संयुक्त अभियान में खनिज खनन के ड्रोन सर्वे में अवैध खनन का बड़ा मामला सामने आया है। खान सचिव आनन्दी ने बताया कि बड़े खनन क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार ड्रोन डीजीपीएस सर्वें कराने का निर्णय किया गया और टोंक जिले में बजरी खनन के पांच क्षेत्रों में कराए गए ड्रोन सर्वे में 16 लाख 18 हजार अवैध बजरी खनन का खुलासा हुआ है।
उन्होंने बताया ड्रोन सर्वें की प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर एएमई टोंक को संबंधित लीज धारकों के खिलाफ नियमानुसार शास्ती लगाने और आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। टोंक जिले के पलाड़ा, डोडवारी, मूंडियां, साईदाबाद, और मंडावर में बजरी खनन का ड्रोन सर्वे कराया गया जिसकी रिपोर्ट प्राप्त होने पर पाया गया कि लीज धारकों द्वारा दिखाए गए स्टॉक से 16 लाख 18 हजार टन अधिक अवैध बजरी खनन कर बेच दिया गया और सरकारी राजस्व में करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया गया। ड्रोन सर्वें के अनुसार पांच स्थानों पर 40 लाख 1732.02 लाख टन बजरी का खनन किया गया जबकि स्टॉक में 23 लाख 83 हजार 10 लाख टन बजरी खनन दर्शाया गया।
इस तरह से पांच स्थानों पर ही लीज धारकों द्वारा 16 लाख 18 हजार टन से अधिक का अवैध बजरी खनन कर नुकसान पहुंचाया है। ड्रोन सर्वें रिपोर्ट के अनुसार टोंक जिले के पलारा में 986711.09 टन बजरी खनन किया गया जबकि स्टॉक में 616598 टन बजरी खनन करना ही दर्शाया गया। इसी तरह से टोंक जिले के ही डोडवारी में 382912.34 टन बजरी खनन किया गया जबकि स्टॉक में 246893 टन ही बजरी खनन दिखाया गया।
यहां के ही मूंडिया में दो स्थानों पर क्रमशः 384354.02 टन और 678183.14 टन बजरी खनन पाया गया जबकि रिकार्ड के अनुसार क्रमशः 206749 टन और 528906 टन बताया गया। सईदाबाद में 749940.07 टन बजरी खनन पाया गया जबकि 413750 टन ही बजरी खनन बताया गया। इसी प्रकार से टोंक के ही मंडावर में ड्रोन सर्वें के अनुसार 819633.36 टन बजरी का खनन पाया गया जबकि स्टॉक में 370114 टन बजरी खनन दर्शाया गया। इनमें सर्वाधिक 449519.36 टन अधिक खनन मंडावर में पाया गया वहीं पलारा में 370113.09 टन अधिक बजरी खनन पाया गया।