अबकी बार 400 पार के लक्ष्य के साथ चुनावी तैयारियों को धार देने में भाजपा जुट गई है। इस सिलसिले में गत बुधवार को लगभग 10 राज्यों में चुनावी तैयारियों की समीक्षा के लिए भाजपा की कोर ग्रुप की बैठक हुई। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई बैठक में गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। इसके पहले शनिवार को कोर ग्रुप की बैठक में पांच राज्यों में तैयारियों की समीक्षा हो चुकी है।
इन राज्यों के उम्मीदवारों पर आज लग सकती है मुहर
कोर ग्रुप की बैठक के बाद गुरूवार को भाजपा के केंद्रीय चुनाव समिति की पहली बैठक होगी। माना जा रहा है कि इसमें लगभग 80 सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर निर्णय हो सकता है और चुनाव की घोषणा के पहले ही पार्टी उनके नाम का ऐलान कर सकती है। बुधवार को जिन आठ राज्यों की चुनाव तैयारियों को लेकर बैठक हुई, उनमें उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, गुजरात, झारखंड, हरियाणा और असम जैसे राज्य शामिल हैं।
विकसित भारत और मोदी की गारंटी
कोर ग्रुप ने इन राज्यों में विकसित भारत, मोदी की गारंटी रथ के साथ आम लोगों के संकल्प पत्र के लिए सुझाव लिये जाने के तय कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। इसके साथ ही संबंधित राज्यों में सीट दर सीट पार्टी के सामने चुनौतियों और उससे निपटने के उपायों पर चर्चा हुई। इसके पहले शनिवार को उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और राजस्थान को लेकर कोर ग्रुप की बैठक हो चुकी है।
मीटिंग में उम्मीदवारों पर होगा फैसला
बैठक में राज्यों के वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री भी शामिल थे। कोर ग्रुप की बैठक के बाद सबकी नजरें गुरुवार को होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की उपस्थिति में होने वाली चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों पर फैसला होगा। सूत्रों के अनुसार, पहले चरण में केंद्रीय चुनाव समिति मुश्किल सीटों पर उम्मीदवारों का चयन कर सकती है, ताकि उन्हें अपने क्षेत्र में प्रचार का अवसर मिल सके। इसके पहले छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में पार्टी चुनाव की घोषणा के पहले उम्मीदवारों का एलान कर चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के लिए अकेले 370 और राजग के लिए 400 सीटें जीतने का लक्ष्य दे चुके हैं। जाहिर है इसके लिए भाजपा को उन मुश्किल सीटों पर भी जीतने की रणनीति बनानी होगी। इसके लिए पार्टी ऐसी सीटों पर पिछली बार चुनाव हार चुके उम्मीदवारों को बदलने का भी फैसला ले सकती है।